भारत कैलेंडर वर्ष 2023 में उन शीर्ष 10 देशों में शामिल नहीं है, जिनका अमेरिका से सर्वाधिक व्यापार घाटा था, लेकिन वह इस सूची में शामिल होने से बाल-बाल बचा है। बहरहाल, कैलेंडर वर्ष 2024 के जनवरी से अक्टूबर के दौरान अमेरिका को हुआ निर्यात भारत के लिए चिंता का विषय है। इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में तेजी के कारण भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ा है और वह इटली को पीछे छोड़कर सूची में दसवें स्थान पर पहुंच गया है।
डॉनल्ड ट्रंप ने सार्वजनिक रूप से यह बहुत साफ किया है कि वह कुछ देशों के साथ बढ़ते व्यापार घाटे को पसंद नहीं करते और घाटा कम करने के लिए योजना बनाकर कदम उठाए जाएंगे, जिसमें ऐसे देशों पर भारी शुल्क लगाया जाना शामिल है। उनकी टीम ने पहले ही ऐसे देशों की सूची की जांच शुरू कर दी है, जिनके कारण अमेरिका का व्यापार घाटा बढ़ रहा है।
कैलेंडर वर्ष 2023 की सूची में शीर्ष पर चीन है, जिसके साथ अमेरिका 279 अरब डॉलर व्यापार घाटे में है। उसके बाद मेक्सिको (152 अरब डॉलर) और वियतनाम (104 अरब डॉलर) का स्थान है। सूची में दसवें स्थान पर इटली है, जिसे साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 44 अरब डॉलर है। भारत इस सूची में शामिल होने से बहुत कम अंतर से बच गया है। भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 43.7 अरब डॉलर है, जिससे वह इस सूची में 11वें स्थान पर है। इसके बाद दो अन्य एशियाई देश थाईलैंड (40.7 अरब डॉलर) और मलेशिया (26.7 अरब डॉलर) हैं।
निश्चित रूप से भारत को इस मामले में सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि इस साल जनवरी से अक्टूबर के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात बढ़ने के कारण भारत के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 38 अरब डॉलर पर पहुंच गया है और इसकी वजह से भारत ने इटली (36 अरब डॉलर) को पीछे छोड़कर दसवां स्थान हासिल कर लिया है।
ट्रंप प्रशासन ने व्यापार वार्ता पर फैसला करने के लिए साफतौर पर 3 क्षेत्रों को आधार बनाया है। इसमें से एक क्षेत्र कुछ देशों के साथ व्यापार घाटे में कमी लाना है। दूसरा, उन्होंने यह साफ किया है कि ज्यादा शुल्क को निशाना बनाया जाएगा। ट्रंप ने पहले ही भारत को कई बार टैरिफ किंग के रूप में संबोधित किया है। ट्रंप ने जवाब में भारी शुल्क लगाने की धमकी दी है।
हाल में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में ट्रंप ने कहा कि वह कनाडा और मेक्सिको से होने वाले आयात पर 25 फीसदी शुल्क लगाएंगे, अगर वे प्रवासियों और ड्रग्स की आवक को नहीं रोकते। इन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा बहुत ज्यादा है।
यह धमकी अमेरिका में आने वाले सभी आयातों पर 20 फीसदी शुल्क लगाने की धमकी के अलावा है। ट्रंप ने चीन से आयातित सभी वस्तुओं पर 60 फीसदी शुल्क लगाने का ऐलान किया है। उन्होंने ब्रिक्स सदस्यों ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका को यह धमकी दी है कि अगर वे मुख्य वैश्विक मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर की जगह कोई नई मुद्रा अपनाते हैं, तो उन पर 100 फीसदी शुल्क लगाया जाएगा।