भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक 7 फरवरी को समाप्त सप्ताह में भारत का कुल भंडार शुद्ध 7.6 अरब डॉलर बढ़ा है। कुल भंडार में यह लगातार तीसरी साप्ताहिक वृद्धि है। इसके पहले सप्ताह में भंडार 1.05 अरब डॉलर बढ़ा था।
कुल भंडार में वृद्धि को विदेशी मुद्रा संपत्तियों में वृद्धि से समर्थन मिला है, जो सप्ताह के दौरान 6.41 अरब डॉलर बढ़कर 544.11 अरब डॉलर हो गया है। विशेषज्ञों ने कहा कि सप्ताह के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि मुख्य रूप से मूल्यांकन लाभ के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के 5 अरब डॉलर के बाई-सेल स्वैप ने प्रभावी तरीके से बाजार में डॉलर की शुद्ध बिकवाली के असर को कम कर दिया।
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक में मुख्य अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, ‘अगर हम मुद्रा भंडार के आंकड़ों पर नजर डालें तो यह पुनर्मूल्यांकन के असर की वजह से हुआ है। सप्ताह के दौरान रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की शुद्ध बिकवाली नियामक के हाजिर बाजार में हस्तक्षेप को दर्शाता है, जिससे रुपये का बचाव और गिरावट के दबाव को कम किया जा सके।’ 31 को 5 अरब डॉलर बाई-सेल स्वैप लागू करने के बावजूद, जिसका निपटान अगले सप्ताह हुआ, शुद्ध बिक्री के आंकड़े अधिक रहे होते। मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी मुख्य रूप से मूल्यांकन लाभ के कारण हुई है। वहीं स्वैप के कारण रिजर्व बैंक की हाजिर बाजार में शुद्ध बिकवाली का असर समायोजित हो गया।’
सप्ताह के दौरान सोने का भंडार 1.3 अरब डॉलर बढ़ा है।
बहरहाल गुरुवार को होने वाली अगली नीलामी के लिए रिजर्व बैंक ने अपने अनुसूचित ओएमओ खरीद की राशि दोगुनी कर दी है और इसे 20,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है। बॉन्ड बाजार उम्मीद कर रहा है कि रिजर्व बैंक अतिरिक्त ओएमओ नीलामी की घोषणा कर सकता है।