करीब साढ़े तीन साल की लंबी और गहन बातचीत के बाद भारत और यूनाइटेड किंगडम (UK) ने मंगलवार को दो बड़े और अहम समझौते पूरे कर लिए। इनमें पहला है फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) और दूसरा है सोशल सिक्योरिटी समझौता, जिसे डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन भी कहा जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “मेरे मित्र UK के प्रधानमंत्री कीयर स्टारमर से बात कर खुशी हुई। यह एक ऐतिहासिक मौका है जब भारत और UK ने एक महत्वाकांक्षी और लाभदायक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट और डबल कंट्रीब्यूशन कन्वेंशन पूरा किया है। ये समझौते हमारे रणनीतिक रिश्तों को और मजबूत करेंगे और दोनों देशों में व्यापार, निवेश, नौकरियों और नवाचार को बढ़ावा देंगे।”
फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से दोनों देशों के बीच व्यापार आसान होगा। इसमें कई सामानों पर टैक्स घटेंगे और मार्केट तक पहुंच बढ़ेगी। इसके अलावा व्यापार के नियमों को आसान किया जाएगा। दूसरी ओर, सोशल सिक्योरिटी समझौते से उन भारतीय कामगारों को राहत मिलेगी जो UK में काम करते हैं। इससे उन्हें दो देशों में अलग-अलग योगदान नहीं देना पड़ेगा और पेंशन जैसे लाभ सुरक्षित रहेंगे। यह भारत की एक पुरानी मांग थी।
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हालांकि एक और अहम समझौता अभी भी बाकी है — बाइलैटरल इनवेस्टमेंट ट्रीटी (BIT)। इसमें अब भी भारत और UK के बीच मतभेद बने हुए हैं, खासकर विवाद निपटाने की प्रक्रिया को लेकर। ये समझौते ऐसे समय पर हुए हैं जब दुनिया भर में व्यापार की दिशा बदल रही है। अमेरिका की तरफ से प्रोटेक्शनिस्ट नीतियों के चलते कई देश अब बाइलैटरल यानी दो देशों के बीच व्यापार समझौतों को तरजीह दे रहे हैं। भारत-UK समझौता भी इसी सोच का हिस्सा है।
इसी बीच, भारत और अमेरिका के बीच भी एक शुरुआती ट्रेड डील को लेकर बातचीत तेज हो रही है। माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों देशों में कोई समझौता हो सकता है।
भारत और UK ने फरवरी में फिर से इन तीन समझौतों पर बातचीत शुरू की थी, जो लगभग एक साल रुकी हुई थी। हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल लंदन गए थे, जहां उन्होंने अपने UK समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स से मुलाकात की। इस दौरान दोनों पक्षों ने अटके मुद्दे सुलझाए और डील को अंतिम रूप दिया।
वित्त वर्ष 2024-25 में भारत और UK के बीच कुल व्यापार 21.33 अरब डॉलर रहा। इसमें भारत ने 12.9 अरब डॉलर का निर्यात किया, जो पिछले साल से 13.3% ज्यादा है। वहीं UK से आयात 8.4 अरब डॉलर रहा, जो पिछले साल से 6.1% कम है।