facebookmetapixel
टाटा म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ETF फंड-ऑफ-फंड में नए निवेश की सुविधा फिर से शुरू कीअगर यात्रा के दौरान चलती ट्रेन से आपका फोन हाथ से गिर जाए तो आपको क्या करना चाहिए?Dr Reddy’s Q2 Results: मुनाफा 14.5% बढ़कर ₹1,437.2 करोड़ पर पहुंचा, आय बढ़कर ₹8,805 करोड़ परकहीं आप फर्जी दवा तो नहीं ले रहे? CDSCO की जांच में मिला नकली कफ सिरप और 112 कम क्वालिटी वाली दवाएंभारत-अमेरिका व्यापार समझौता जल्द हो सकता है फाइनल, अधिकारी कानूनी दस्तावेज तैयार करने में जुटेसरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों को तोहफा! इस राज्य सरकार ने DA-DR बढ़ाने का किया ऐलान, जानें डिटेलऑफिस किराए में जबरदस्त उछाल! जानें, दिल्ली, मुंबई या बेंगलुरु – किस शहर में सबसे तेज बढ़े दाम?HUL vs Nestle vs Colgate – कौन बनेगा FMCG का अगला स्टार? जानें किस शेयर में है 15% तक रिटर्न की ताकत!EPF खाताधारकों को फ्री में मिलता है ₹7 लाख का कवर! जानें इस योजना की सभी खासियतPiyush Pandey Demise: ‘दो बूंद जिंदकी की…’ से लेकर ‘अबकी बार, मोदी सरकार’ तक, पीयूष पांडे के 7 यादगार ऐड कैम्पेन

गांव में रहने वालों की बढ़ी उम्मीदें! नाबार्ड के सर्वे में खुलासा — 74% ग्रामीण परिवारों को आय बढ़ने की आस

नाबार्ड सर्वे के अनुसार 74% ग्रामीण परिवारों को 2025 तक आय बढ़ने की उम्मीद है, जिससे गांवों में आर्थिक सुधार और उपभोग मांग में तेजी के संकेत मिल रहे हैं।

Last Updated- June 10, 2025 | 9:52 PM IST
Rural India
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार लगभग 74 फीसदी ग्रामीण परिवारों को उम्मीद है कि मई 2025 तक उनकी आय बढ़ जाएगी, जबकि मार्च 2024 में ऐसा मानने वाले 72 फीसदी थे। यह सितंबर 2024 में नाबार्ड के द्वि-मासिक ग्रामीण आर्थिक स्थिति और भावना सर्वेक्षण (आरईसीएसएस) की शुरुआत के बाद से आने वाले वर्ष में अपनी आय में वृद्धि की उम्मीद करने वाले लोगों का सबसे अधिक प्रतिशत है।

ALSO READ: कम होगी कमाई की रफ्तार! 2026 में वेतन वृद्धि घटकर 6.5% रहने का अनुमान; रिपोर्ट में खुलासा

नाबार्ड ने यह सर्वेक्षण 600 गांवों में 6000 परिवारों (नमूने के तौर पर प्रत्येक गांव से 10 परिवार लिए गए हैं) को कवर करते हुए किया गया है।  सर्वेक्षण से पता चला है कि ग्रामीण भारत में न केवल अपनी आय में वृद्धि की उम्मीद करने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है, बल्कि अपनी आय में गिरावट की उम्मीद करने वाले लोगों की संख्या भी सितंबर 2024 में 7.3 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी रह गई है। नवंबर 2024 में यह बढ़कर 7.8 फीसदी हो गई थी। ग्रामीण भारत में आय के बारे में बढ़ता आशावाद पिछले कुछ महीनों में ग्रामीण क्षेत्र में आई समग्र सकारात्मक भावना से मेल खाता है। वर्ष 2025 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के ‘सामान्य से अधिक’ रहने के पूर्वानुमान से कृषि विकास को बढ़ावा मिलेगा तथा ग्रामीण भारत में उपभोग मांग में वृद्धि होगी। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आया है।

इस बीच, नाबार्ड की रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि आय पर निकट अवधि की भावना (अगली तिमाही यानी जुलाई से सितंबर) में भी मई में मामूली सुधार हुआ। जिसमें 53.8 फीसदी लोगों ने बेहतर आय की उम्मीद की, जबकि मार्च 2025 में 52.5 फीसदी लोगों ने ऐसा कहा था। अगली तिमाही के लिए रोजगार का परिदृश्य भी कुछ इसी प्रकार का है। नाबार्ड सर्वेक्षण से पता चला है कि मई 2025 में 53.5 फीसदी परिवारों को रोजगार की स्थिति में सुधार की उम्मीद है, जो सितंबर 2024 के बाद से सबसे अधिक है। वहीं केवल 8 फीसदी परिवारों ने गिरावट की भविष्यवाणी की।

First Published - June 10, 2025 | 9:40 PM IST

संबंधित पोस्ट