facebookmetapixel
Bonus Stocks: अगले हफ्ते कुल पांच कंपनियां निवेशकों को देंगी बोनस, बिना कोई खर्च मिलेगा अतिरिक्त शेयर10 साल में 1716% का रिटर्न! बजाज ग्रुप की कंपनी निवेशकों को देगी 1600% का डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेDividend Stocks: अगले हफ्ते निवेशकों के बल्ले-बल्ले! 100 से अधिक कंपनियां बांटेंगी डिविडेंड, देखें पूरी लिस्टअमेरिका की नई H-1B वीजा फीस से भारतीय IT और इंजीनियर्स पर असर: NasscomHDFC, PNB और BoB ने MCLR घटाई, EMI में मिल सकती है राहतH-1B वीजा होल्डर्स के लिए अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट, जेपी मॉर्गन की चेतावनी: अभी US छोड़कर नहीं जाएंDividend Stocks: सिविल कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़ी यह कंपनी देगी 30% का तगड़ा डिविडेंड, रिकॉर्ड डेट अगले हफ्तेराष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत बना रहा है भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम: ISRO प्रमुखडिफेंस सेक्टर में 1 लाख स्टार्टअप्स की जरूरत, अधिग्रहण प्रक्रिया तेज करने की सलाह: राजिंदर भाटियादोपहिया वाहनों के इंश्योरेंस क्लेम में 15% का उछाल, EV लोगों के लिए महंगा साबित हो रहा: रिपोर्ट

मौसम खराब रहा तो देश में बढ़ सकती है महंगाई…RBI ने अपने बुलेटिन में चेताया

RBI ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताओं का हवाला देते हुए फरवरी, 2023 से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

Last Updated- April 23, 2024 | 5:30 PM IST
RBI

प्रतिकूल मौसम के कारण महंगाई बढ़ने का खतरा हो सकता है। साथ ही वैश्विक स्तर पर लंबे समय से जारी तनावपूर्ण स्थिति से कच्चे तेल (Crude Oil) की कीमतों में अस्थिरता बनी रह सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अप्रैल के बुलेटिन में यह कहा गया है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) पर आधारित खुदरा मुद्रास्फीति मार्च में घटकर 4.9 प्रतिशत हो गई। इससे पहले पिछले दो महीनों में यह औसतन 5.1 प्रतिशत रही थी।

रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति पर पहुंचते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई को ध्यान में रखता है। केंद्रीय बैंक ने मुद्रास्फीति के मोर्चे पर चिंताओं का हवाला देते हुए फरवरी, 2023 से प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है।

बुलेटिन में पब्लिश आर्टिकल ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ में कहा गया कि 2024 की पहली तिमाही में वैश्विक वृद्धि की गति बरकरार रही है और विश्व व्यापार का आउटलुक पॉजिटिव हो रहा है। बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में बॉन्ड प्रतिफल और कर्ज की ब्याज दर बढ़ रही है। ब्याज दर में कमी को लेकर जो संभावनाएं थी, वह कमजोर पड़ी हैं।

लेख में कहा गया, “मजबूत निवेश मांग और उत्साहित व्यापार और उपभोक्ता धारणाओं के साथ भारत में वास्तविक जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) की वृद्धि दर में तेजी के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं।’’ हालांकि, आरबीआई ने कहा कि बुलेटिन में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

First Published - April 23, 2024 | 5:30 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट