Policybazaar की एक नई रिपोर्ट में दोपहिया वाहनों के इंश्योरेंस क्लेम को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर आधारित यह स्टडी बताता है कि सड़कों पर बढ़ती भीड़, बाइक का बढ़ता इस्तेमाल और शहरों की ट्रैफिक स्थिति क्लेम्स को प्रभावित कर रही है। यह जानकारी नए और पुराने दोनों तरह के बाइक चालकों के लिए अहम है।
2024-25 में दोपहिया वाहनों के इंश्योरेंस क्लेम में 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। यह हाल के सालों में सबसे अधिक है। अगले साल यानी 2025-26 में इसमें 10-12 फीसदी और इजाफा होने की उम्मीद है। रोजाना की यात्राएं, घूमने-फिरने के लिए बाइक का बढ़ता इस्तेमाल और मिड-रेंज मोटरसाइकिलों की मांग इसके पीछे की वजह हैं। इसके अलावा, आसान क्लेम प्रक्रिया और लोगों में जागरूकता बढ़ने से भी ज्यादा लोग छोटी-मोटी घटनाओं को रिपोर्ट कर रहे हैं।
150 से 350 CC की मोटरसाइकिलों के क्लेम में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, छोटी कम्यूटर बाइक के क्लेम स्थिर रहे। स्कूटर से जुड़े क्लेम सबसे कम हैं। शहरों में भीड़भाड़ के बीच तेज और पावरफुल बाइक की बढ़ती मांग दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ा रही है।
इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन इनसे जुड़े जोखिम ज्यादा हैं। पेट्रोल बाइक की तुलना में इनके क्लेम 18-20 फीसदी ज्यादा हैं। मरम्मत का खर्च भी 30-35 फीसदी अधिक है। बैटरी से जुड़ी समस्याएं और महंगे पार्ट्स इसकी बड़ी वजह हैं।
महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से करीब आधे क्लेम आते हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु भी पीछे नहीं हैं। घनी ट्रैफिक और गाड़ियों की ऊंची कीमत के कारण महानगरों में दुर्घटना और चोरी का खतरा ज्यादा है। गाजियाबाद, मेरठ, जयपुर, इस्लामपुर, कांचीपुरम और मुजफ्फरपुर जैसे शहर चोरी के लिए हॉटस्पॉट बन गए हैं।
70-75 फीसदी क्लेम छोटी-मोटी दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े हैं। 20-25 फीसदी क्लेम चोरी या पूरी तरह नुकसान से संबंधित हैं। थर्ड-पार्टी क्लेम कम हैं, लेकिन इनका खर्च ज्यादा होता है। छोटी दुर्घटनाओं जैसे खरोंच या टक्कर का औसत खर्च 4,000 से 7,000 रुपये है, लेकिन चोरी या कुल नुकसान के मामले ज्यादा नुकसानदायक हैं।
सप्ताह के दिनों में सुबह 8 से 10 और शाम 6 से 8 बजे के बीच सबसे ज्यादा क्लेम दर्ज होते हैं। यह समय व्यस्त ट्रैफिक का होता है। अनुभवी राइडर्स के क्लेम 25 फीसदी कम हैं, जो बताता है कि सावधानी और रास्तों की जानकारी मायने रखती है।
Policybazaar के टू-व्हीलर इंश्योरेंस हेड मानस कपूर का कहना है कि बदलते जोखिमों के बीच मजबूत इंश्योरेंस जरूरी है। व्यापक पॉलिसी छोटी-मोटी दुर्घटनाओं के अलावा चोरी, प्राकृतिक आपदाओं और बढ़ते मरम्मत खर्च से भी बचाती है। खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए यह और भी जरूरी है।