facebookmetapixel
ऋण घटाने की दिशा में अस्पष्ट नीति आर्थिक प्रगति पर पड़ सकती है भारीमहिलाओं को नकदी हस्तांतरण, बढ़ते खर्च राज्यों के लिए बड़ी चुनौतीभारत के प्रति निवेशकों का ठंडा रुख हो सकता है विपरीत सकारात्मक संकेतभारतीय मूल के जोहरान ममदानी होंगे न्यूयॉर्क के मेयरश्रद्धांजलि: गोपीचंद हिंदुजा का जज्बा और विरासत हमेशा रहेंगे यादहरियाणा में हुई थी 25 लाख वोटों की चोरी : राहुल गांधीBihar Elections 2025: भाकपा माले की साख दांव पर, पिछला प्रदर्शन दोहराने की चुनौतीक्वांटम कंप्यूटिंग में प्रगति की साक्षी बनेगी अमरावती, निवेशकों की रुचि बढ़ीरेवेन्यू का एक बड़ा अहम कारक है AI, Q2 में मुनाफा 21 करोड़ रुपये : विजय शेखर शर्मामौसम का कितना सटीक अनुमान लगा पाएगी AI? मॉडल तैयार करने की कोशिश, लेकिन पूर्ण भरोसा अभी दूर

दोपहिया वाहनों के इंश्योरेंस क्लेम में 15% का उछाल, EV लोगों के लिए महंगा साबित हो रहा: रिपोर्ट

Policybazaar की रिपोर्ट बताती है कि दोपहिया इंश्योरेंस क्लेम 15% बढ़े, EV की मरम्मत महंगी साबित हुई और बड़े शहरों में चोरी व दुर्घटना का खतरा बढ़ा है

Last Updated- September 20, 2025 | 2:01 PM IST
Bikes
प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो

Policybazaar की एक नई रिपोर्ट में दोपहिया वाहनों के इंश्योरेंस क्लेम को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पिछले तीन सालों के आंकड़ों पर आधारित यह स्टडी बताता है कि सड़कों पर बढ़ती भीड़, बाइक का बढ़ता इस्तेमाल और शहरों की ट्रैफिक स्थिति क्लेम्स को प्रभावित कर रही है। यह जानकारी नए और पुराने दोनों तरह के बाइक चालकों के लिए अहम है।

सड़कों पर बढ़ी हलचल, दावों में 15% की उछाल

2024-25 में दोपहिया वाहनों के इंश्योरेंस क्लेम में 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई। यह हाल के सालों में सबसे अधिक है। अगले साल यानी 2025-26 में इसमें 10-12 फीसदी और इजाफा होने की उम्मीद है। रोजाना की यात्राएं, घूमने-फिरने के लिए बाइक का बढ़ता इस्तेमाल और मिड-रेंज मोटरसाइकिलों की मांग इसके पीछे की वजह हैं। इसके अलावा, आसान क्लेम प्रक्रिया और लोगों में जागरूकता बढ़ने से भी ज्यादा लोग छोटी-मोटी घटनाओं को रिपोर्ट कर रहे हैं।

मिड-रेंज बाइक से ज्यादा क्लेम

150 से 350 CC की मोटरसाइकिलों के क्लेम में 15 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वहीं, छोटी कम्यूटर बाइक के क्लेम स्थिर रहे। स्कूटर से जुड़े क्लेम सबसे कम हैं। शहरों में भीड़भाड़ के बीच तेज और पावरफुल बाइक की बढ़ती मांग दुर्घटनाओं का जोखिम बढ़ा रही है।

इलेक्ट्रिक वाहनों की मरम्मत महंगी

इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की संख्या भले ही कम हो, लेकिन इनसे जुड़े जोखिम ज्यादा हैं। पेट्रोल बाइक की तुलना में इनके क्लेम 18-20 फीसदी ज्यादा हैं। मरम्मत का खर्च भी 30-35 फीसदी अधिक है। बैटरी से जुड़ी समस्याएं और महंगे पार्ट्स इसकी बड़ी वजह हैं।

Also Read: Explainer: बीमा सुगम- दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल इंश्योरेंस प्लेटफॉर्म, कैसे बदल जाएगा पूरा इंश्योरेंस इकोसिस्टम?

महानगरों में ज्यादा खतरा

महाराष्ट्र, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से करीब आधे क्लेम आते हैं। कर्नाटक और तमिलनाडु भी पीछे नहीं हैं। घनी ट्रैफिक और गाड़ियों की ऊंची कीमत के कारण महानगरों में दुर्घटना और चोरी का खतरा ज्यादा है। गाजियाबाद, मेरठ, जयपुर, इस्लामपुर, कांचीपुरम और मुजफ्फरपुर जैसे शहर चोरी के लिए हॉटस्पॉट बन गए हैं।

दुर्घटना ज्यादा, चोरी का नुकसान भारी

70-75 फीसदी क्लेम छोटी-मोटी दुर्घटनाओं और प्राकृतिक आपदाओं से जुड़े हैं। 20-25 फीसदी क्लेम चोरी या पूरी तरह नुकसान से संबंधित हैं। थर्ड-पार्टी क्लेम कम हैं, लेकिन इनका खर्च ज्यादा होता है। छोटी दुर्घटनाओं जैसे खरोंच या टक्कर का औसत खर्च 4,000 से 7,000 रुपये है, लेकिन चोरी या कुल नुकसान के मामले ज्यादा नुकसानदायक हैं।

कब होती हैं सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं?

सप्ताह के दिनों में सुबह 8 से 10 और शाम 6 से 8 बजे के बीच सबसे ज्यादा क्लेम दर्ज होते हैं। यह समय व्यस्त ट्रैफिक का होता है। अनुभवी राइडर्स के क्लेम 25 फीसदी कम हैं, जो बताता है कि सावधानी और रास्तों की जानकारी मायने रखती है।

क्यों जरूरी है व्यापक इंश्योरेंस?

Policybazaar के टू-व्हीलर इंश्योरेंस हेड मानस कपूर का कहना है कि बदलते जोखिमों के बीच मजबूत इंश्योरेंस जरूरी है। व्यापक पॉलिसी छोटी-मोटी दुर्घटनाओं के अलावा चोरी, प्राकृतिक आपदाओं और बढ़ते मरम्मत खर्च से भी बचाती है। खासकर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए यह और भी जरूरी है।

First Published - September 20, 2025 | 2:01 PM IST

संबंधित पोस्ट