वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दरों को वाजिब बनाने के लिए मंत्रियों के समूह की आज गोवा में हुई बैठक में टेक्सटाइल, हथकरघा वस्तुओं, कृषि से जुड़े उत्पादों, उर्वरकों सहित 100 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी दर का विश्लेषण किया गया। हालांकि किसी भी वस्तु पर जीएसटी को लेकर सहमति नहीं बन पाई। और अगले महीने दिल्ली में प्रस्तावित बैठक में इस पर और चर्चा होने की उम्मीद है।
मंत्रिसमूह की बैठक के बाद पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने टेलीफोन पर कहा, ‘कुछ वस्तुओं पर और अध्ययन की आवश्यकता है। अधिकारी इस बारे में अध्ययन करेंगे। 1,000 रुपये से कम कीमत वाले सिले-सिलाए परिधान पर 5 फीसदी कर बनाए रखने और 1,000 रुपये से अधिक मूल्य के परिधानों पर कर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी करने का प्रस्ताव था। मगर हमने जीएसटी दर बढ़ाने का विरोध किया। हमने इस बात पर जोर दिया कि हमारे पास रेडीमेड कपड़ों का समृद्ध बाजार है और इसे बाधित नहीं किया जाना चाहिए।’
भट्टाचार्य के अलावा मंत्रिसमूह की अध्यक्षता करने वाले बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, राजस्थान के स्वास्थ्य सेवाओं के मंत्री गजेंद्र सिंह और केरल के वित्त मंत्री के एन बालागोपाल ने भी बैठक में शिरकत की। भट्टाचार्य ने कहा, ‘हमें किसी भी ऐसी चीज पर कर नहीं बढ़ाना चाहिए जिससे आम लोग प्रभावित हों। हमने कई चीजों पर जीएसटी दर घटाने का प्रस्ताव किया है जैसे कि शिक्षण सामग्री। जब हम कहते हैं कि दर कम होनी चाहिए तो हमें राजस्व बढ़ाना भी सुनिश्चित करना चाहिए।’
स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम से संबंधित जीएसटी मुद्दे पर चर्चा अक्टूबर में दिल्ली में होने वाली अगली बैठक तक के लिए टाल दी गई है। उन्होंने कहा, ’19 और 20 अक्टूबर को दिल्ली में अलग-अलग मंत्री समूहों की बैठक प्रस्तावित है जिनमें स्वास्थ्य बीमा और अन्य लंबित मसलों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।’ दर तर्कसंगत बनाने पर गठित मंत्रिसमूह का निष्कर्ष नवंबर में होने वाली जीएसटी परिषद की बैठक से पहले एजेंडे को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा।