GST Council Meet: सरकार विचार कर रही है कि कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए खरीदे गए स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) दिया जाए। हालांकि, ऐसी पॉलिसियों पर GST छूट नहीं मिलेगी और 18% कर लागू रहेगा।
ITC का मतलब है कि कंपनियां अपने खर्च पर लगे GST को अपने आउटपुट टैक्स से घटा सकती हैं।
सरकारी अधिकारी ने Business Standard को बताया, “ग्रुप हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर ITC की चर्चा हो सकती है, लेकिन इन्हें GST से मुक्त करने का कोई प्रस्ताव नहीं है। इन पर 18% GST लागू रहेगा।”
वित्त मंत्रालय को भेजे गए ईमेल का समाचार प्रकाशित होने तक कोई जवाब नहीं मिला।
केंद्र सरकार की छूट योजना केवल उन स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों पर लागू है, जो सीधे व्यक्तिगत रूप से खरीदी जाती हैं, जैसे फैमिली फ्लोटर पॉलिसी।
स्वास्थ्य और जीवन बीमा से जुड़े मंत्रियों के समूह (GoM) ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। GoM की रिपोर्ट को GST काउंसिल की बैठक में 3-4 सितंबर को रखा जाएगा।
ग्रांट थॉरंटन भारत LLP के पार्टनर मनोज मिश्रा ने कहा, “अगर GST राहत केवल व्यक्तिगत पॉलिसियों तक सीमित रहेगी, तो बड़ी तस्वीर नजरअंदाज हो जाएगी। भारत में बीमा का बड़ा हिस्सा कॉर्पोरेट ग्रुप कवर के जरिए आता है। अगर ग्रुप पॉलिसियों पर ITC नहीं मिलेगा, तो कंपनियों और कर्मचारियों दोनों को नुकसान होगा। इसलिए, एक संतुलित ढांचा जरूरी है जो व्यक्तिगत और कॉर्पोरेट पॉलिसियों दोनों को कवर करे।”
वर्तमान में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18% GST लगता है।
IRDAI के आंकड़ों के अनुसार, FY24 में कुल 37.3 लाख ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां बेची गईं, जिनमें अधिकतर कॉर्पोरेट द्वारा प्रदान की गई थीं। वहीं, जीवन बीमा में 45,659 ग्रुप पॉलिसियां जारी हुईं।