GST rates: मोदी सरकार में लगातार दूसरी बार वित्त मंत्रालय संभालने के बाद निर्मला सीतारमण अब GST दरों में कुछ बड़ा बदलाव ला सकती हैं। वस्तु एवं सेवा कर परिषद (GST Council) वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) के पूर्ण बजट से पहले अपनी बैठक में, एक बार फिर दरों में सुधार और तर्कसंगत बनाने के लिए विचार कर रही है। GST काउंसिल इसके लिए मंत्रियों के समूह की संरचना में बदलाव की उम्मीद कर रही है। समूह को जून 2022 की अपनी अंतरिम रिपोर्ट के बाद जीएसटी व्यवस्था (GST regime) को तर्कसंगत बनाने पर एक अंतरिम रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।
यह बैठक उस समय होगी जब काउंसिल राज्यों द्वारा ऑनलाइन गेमिंग पर टैक्सेशन, ऑनलाइन मनी गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ के लिए फुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत GST लगाने के लिए अपने कानूनों में परिवर्तन लागू करने की प्रगति का आकलन करेगी। बता दें कि छह महीने की रिव्यू की अवधि 30 मार्च को समाप्त हो गई थी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता और जीएसटी रिजीम तय करने वाली सबसे शक्तिशाली गवर्निंग बॉडी यानी GST काउंसिल की बैठक बजट पेश किए जाने से पहले जुलाई के बीच किसी दिन हो सकती है।
जीएसटी दरों में बदलाव पर मंत्रियों के समूह की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना कर रहे हैं और इसमें गोवा, केरल, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, राजस्थान और बिहार के वित्त मंत्री भी शामिल हैं। इसे पहली बार 2021 में जीएसटी काउंसिल की बैठक में दरों के पुनर्गठन और तथाकथित उल्टे शुल्क संरचना (inverted duty structure) पर फिर से विचार करने के लिए गठित किया गया था।
इसे नवंबर में फिर से गठित किया गया था जब इसके प्रमुख बसवराज एस बोम्मई (Basavaraj S Bommai) कर्नाटक विधानसभा चुनाव हार गए थे। इसे फिर से बदलाव की जरूरत है क्योंकि इसके एक सदस्य, विजय कुमार चौधरी अब बिहार के वित्त मंत्री नहीं हैं।
इस बीच, शीर्ष सूत्रों का कहना है कि जीएसटी काउंसिल की फिटमेंट समिति (fitment committee) ने दरों में फिर से बदलाव के लिए काम करना फिर से शुरू कर दिया है। दरों में जहां तक बदलाव की बात है, कमेटी विशेष रूप से 12 प्रतिशत स्लैब को छोड़ने की संभावना की जांच कर रही है, ताकि राजस्व-तटस्थ संरचना (revenue-neutral structure) प्राप्त की जा सके। मामले की प्रत्यक्ष जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, वित्त वर्ष 25 (FY25) में GST regime में ओवरहाल देखा जा सकता है, जिसमें मौजूदा चार टैक्स स्लैब से तीन स्लैब की संरचना में बदलाव हो सकता है। बता दें कि GST काउंसिल की फिटमेंट कमेटी में केंद्र और राज्य के अधिकारी शामिल हैं।
दर पुनर्गठन (rate rationalisation) पर मंत्रियों का समूह अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने और अंतिम रिपोर्ट तैयार में तीन से चार महीने का वक्त लग सकता है। GST के वर्तमान दर संरचना (current rate structure) में 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और उच्चतम 28 प्रतिशत की मानक दरें शामिल हैं।