आयकर विभाग की नई कवायद अगर परवान चढ़ी तो भारत की सबसे अमीर खेल संस्था भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को भारी-भरकम कर चुकाना पड़ सकता है।
दरअसल, आयकर विभाग ने सर्कुलर जारी कर ‘परमार्थ कार्य’ को परिभाषित किया है। उसके मुताबिक, अगर कोई संस्था कारोबार के जरिए कमाई करती है, तो उसे भी आयकर का भुगतान करना होगा। दरअसल, कई संस्थाएं, परमार्थ कार्यों की वजह से आयकर कानून की धारा 2 (15) के तहत कर छूट का लाभ उठा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने मार्च 2008 में काननू में संशोधन कर परमार्थ कार्यों के मकसद को परिभाषित किया था। उसके 9 माह बाद आयकर विभाग इस बारे में पहल कर रहा है।
जिससे बीसीसीआई को भी कर चुकाना पड़ सकता है। साथ ही उद्योग संघ सीआईआई को भी कर छूट का लाभ नहीं मिल सकेगा।
इस बीच, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक समिति गठित की है, जो इस बात की जांच कर रही है कि बीसीआईआई पर इस वर्ष कितना कर दायित्व बनता है।
कर की दर 30 फीसदी की दर से लगाने की बात है, साथ ही इसमें सरचार्ज भी वसूला जाएगा।