गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी)के दिन भी शायद अब फिरने वाले हैं।
इस क्षेत्र की नकदी से जुड़ी बाधाएं दूर करने के लिए सरकार ने एक ढांचा तैयार करने का फैसला किया है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें इन कंपनियों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की गई और इनकी बाधाओं को दूर करने के उपायों पर विचार किया गया।
बैठक के बाद गृहमंत्री पी चिदंबरम ने संवाददाताओं को बताया कि संकटग्रस्त स्थिरता फंड विशेष उद्देश्य निधि (एसपीवी) के रूप में कार्य करेगी।
चिंदबरम ने बताया कि एसपीवी सरकारी गारंटी वाली प्रतिभूतियां जारी करेगा लेकिन ये 20,000 करोड़ रुपये से अधिक की नहीं हो सकतीं।
हालांकि सरकार ने यह भी कहा कि आवश्यकता पड़ने पर आंकड़ा 25,000 करोड़ रुपये तक किया जा सकता है। इन प्रतिभूतियों की खरीद भारतीय रिजर्व बैंक करेगा और इस फंड का इस्तेमाल एसपीवी करेगा।
फंड का इस्तेमाल एनबीएएफसी अपनी मौजूदा देनदारियों को चुकाने में करेंगी। इसके अलावा आरबीआई कीमतों और कर्ज देने की दरों के बारे में वित्तीय सेवा विभाग से विचार विमर्श करेगी।