facebookmetapixel
तीन महीने के बाद FPIs ने भारतीय शेयरों में डाले ₹14,610 करोड़, बाजार में लौटे निवेशकGST 2.0 ने बढ़ाई छोटी कारों की मांग, दोपहिया चालक बन रहे मारुति ग्राहकNvidia साझेदारी ने बढ़ाया Victory Giant का जादू, शेयरों में 600% उछालट्रंप हुए नरम! टैरिफ विवादों के बाद एशियाई दोस्तों संग दिखी नई दोस्ती की झलकअक्टूबर में GST की आमदनी ₹1.96 ट्रिलियन, त्योहारों ने बढ़ाई बिक्री लेकिन ग्रोथ धीमीत्योहारों ने बढ़ाई UPI की रफ्तार, अक्टूबर में रोजाना हुए 668 मिलियन ट्रांजैक्शनHUL पर ₹1,987 करोड़ का टैक्स झटका, कंपनी करेगी अपीलSrikakulam stampede: आंध्र प्रदेश के मंदिर में भगदड़, 10 लोगों की मौत; PM Modi ने की ₹2 लाख मुआवजे की घोषणाCar Loan: सस्ते कार लोन का मौका! EMI सिर्फ 10,000 के आसपास, जानें पूरी डीटेलBlackRock को बड़ा झटका, भारतीय उद्यमी पर $500 मिलियन धोखाधड़ी का आरोप

सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए एमईपी घटाया

एमईपी में कमी से अंतरराष्ट्रीय खरीदारों को राहत

Last Updated- October 26, 2023 | 10:57 PM IST
Govt prohibits export of non-basmati white rice, says DGFT notification

सरकार ने बासमती चावल के निर्यात के लिए न्यूनतम मूल्य (एमईपी) 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया है। ज्यादा कीमतें निर्यात को प्रभावित कर रही हैं, इसे देखते हुए सरकार ने यह फैसला किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई ने खबर दी है कि निर्यात संवर्धन निकाय एपीईडीए को भेजी सूचना में केंद्रीय वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि बासमती चावल के निर्यात सौदे के पंजीकरण के लिए मूल्य सीमा में बदलाव करने का फैसला करते हुए इसे 1,200 डॉलर प्रति टन से घटाकर 950 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है।

सरकार ने 27 अगस्त को 1,200 डॉलर प्रति टन के नीचे बासमती चावल के निर्यात की अनुमति न देने का फैसला किया था, जिससे कि सफेद गैर बासमती चावल के संभावित अवैध निर्यात को रोका जा सके। सरकार ने 15 अक्टूबर को अधिसूचना को अनिश्चित समय तक के लिए बढ़ा दिया था।

लेकिन अगले ही दिन एक बयान जारी कर कहा गया कि 1,200 डॉलर प्रति टन न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की समीक्षा पर सक्रियता से विचार होगा, जो अगस्त में आया है।

यह बयान तब आया, जब यह खबरें आईं कि बासमती चावल का एमईपी बढ़ाए जाने से कुछ निर्यातकों ने किसानों से बासमती की खरीद रोक दी है और इसकी वजह से खुले बाजार में कीमत में 300 से 400 रुपये क्विंटल की गिरावट आई है।

निर्यातक मांग कर रहे थे कि विदेश में बिक्री बढ़ाने के लिए एमईपी घटाकर 900 से 1,000 रुपये प्रति टन की जानी चाहिए। बहरहाल निर्यातकों और अधिकारियों का एक तबका उच्च एमईपी का इस आधार पर समर्थन कर रहा था कि खरीद मूल्य 3,835 रुपये प्रति क्विंटल होने के कारण भारतीय बासमती चावल का मौजूदा एफओबी (फ्री आन बोर्ड) निर्यात मूल्य मुंद्रा और जेएनपीटी पोर्ट पर 1170 डॉलर प्रति टन होगा।

एमईपी मूल्य, एफओबी मूल्य से महज करीब 30 डॉलर प्रति टन है, जो अंतरराष्ट्रीय खरीदारों की खरीद के लिए मामूली बढ़ोतरी है।जीआरएम ओवरसीज के एमडी अतुल गर्ग ने एक बयान में कहा, ‘बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य घटाकर 1200 डॉलर से 900 डॉलर प्रति टन किया जाना स्वागत योग्य कदम है। इसकी वजह से भारत के बासमती चावल की वैश्विक बाजरों में प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी।’

First Published - October 26, 2023 | 10:57 PM IST

संबंधित पोस्ट