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बदलेगी नेशनल हाइवे बैंक गारंटी, सरकार ने दी अनुमति

Last Updated- May 24, 2023 | 11:44 PM IST
Govt to allow retrospective conversion of all highway bank guarantees into surety bonds

राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास में श्योरिटी बॉन्ड बीमा का पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने के लिए केंद्र सरकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा लगाए गए ठेकेदारों को अपनी मौजूदा बैंक गारंटी को पिछली तिथि से श्योरिटी बॉन्ड इंश्योरेंस उत्पाद में बदलने की अनुमति देगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘मैंने सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव को वित्त सचिव से बात करने और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), एनेचआईडीसीएल और एमओआरटीएस की सभी बैंक गारंटी को पहले की तिथि से बदलने की अनुमति देने को कहा था, अगर कांट्रैक्टर ऐसा चाहता हो।’ उन्होंने कहा कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि वित्त सचिव ने इसकी मंजूरी दे दी है। मंत्री ने एक कार्यशाला में यह जानकारी दी।

उधर सीआईआई के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा कि सरकार माल को एक से दूसरी जगह पहुंचाने पर आने वाली लॉजिस्टिक लागत को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 14-16 प्रतिशत के मौजूदा स्तर से घटाकर अगले 3 साल में 9 प्रतिशत पर लाने की कोशिश में लगी है। उन्होंने कहा कि कहा कि लॉजिस्टिक लागत को जीडीपी के इकाई अंक में लाने का सीधा असर निर्यात में बढ़ोतरी के रूप में देखने को मिलेगा।

उन्होंने कहा, ‘तमाम आकलनों में यह पाया गया है कि भारत में लॉजिस्टिक लागत दो अंक में है। सरकार ने राष्ट्रीय लॉजिस्टिक नीति और पीएम गति शक्ति पहल शुरू की है। इससे उद्योगों की प्रतिस्पर्द्धात्मकता को बढ़ावा मिलेगा और लॉजिस्टिक लागत में कमी आएगी।’

कुछ महीने पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा था कि लॉजिस्टिक लागत का प्रारूप तय करने के लिए एक कार्यबल गठित किया जाएगा। इसके सदस्यों में नीति आयोग, सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय और एनसीएईआर के प्रतिनिधियों के अलावा अकादमिक विशेषज्ञ एवं हितधारक भी शामिल होंगे।

इसके साथ ही गडकरी ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास रोपवे एवं फ्यूनिक्लर रेलवे (बिजली के तार से जुड़ी रेल) की करीब 260 परियोजनाओं के प्रस्ताव आए हुए हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 1.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि उनके मंत्रालय ने देशभर में 500 बस डिपो की स्थापना के लिए जमीनें चिह्नित की हैं और इनके विकास के लिए उद्योगपतियों से निवेश का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि भारत को करीब दो लाख इलेक्ट्रिक बसों की जरूरत है।

First Published - May 24, 2023 | 11:44 PM IST

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