भारत के कैप्टिव और कमर्शियल कोयला खानों से मई 2025 के दौरान कोयला उत्पादन में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इस माह कुल 16.432 मिलियन टन (MT) कोयले का उत्पादन हुआ, जो कि मई 2024 की तुलना में 24.57% की वार्षिक वृद्धि को दर्शाता है।
Ministry of Coal के प्रवक्ता ने कहा कि यह उपलब्धि कोयला मंत्रालय की रणनीतिक योजनाओं और सुधारात्मक नीतियों का परिणाम है, जिसका उद्देश्य देश को कोयले के मामले में आत्मनिर्भर बनाना है।
उत्पादन के साथ-साथ कोयला डिस्पैच यानी आपूर्ति में भी वृद्धि हुई है। मई 2025 में कुल 17.499 मिलियन टन कोयले की आपूर्ति की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में 13.763% अधिक है।
यह वृद्धि विशेष रूप से बिजली, इस्पात (स्टील) और सीमेंट जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए स्थिर और निरंतर कोयला आपूर्ति सुनिश्चित करने में मददगार सिद्ध हो रही है।
Ministry of Coal के प्रवक्ता ने कहा कि यह वृद्धि कैप्टिव और कमर्शियल खनन के बढ़ते योगदान को दर्शाती है, जो देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
31 मई 2025 तक कोयला कंपनियों के पास 122.69 मिलियन टन कोयला स्टॉक था, जो कि पिछले साल की समान अवधि (94.98 मिलियन टन) की तुलना में 29.18% अधिक है। यह स्टॉक वृद्धि, बढ़े हुए उत्पादन और बेहतर वितरण नेटवर्क का प्रमाण है।
मई महीने के दौरान कोयला क्षेत्र को तीन महत्वपूर्ण स्वीकृतियाँ प्राप्त हुईं:
इन स्वीकृतियों से भविष्य में कोयला खनन की गति और अधिक तेज होगी।
29 मई 2025 को कुल 6 कोल ब्लॉक्स के वेस्टिंग ऑर्डर साइन किए गए, जो कि निम्नलिखित राज्यों में स्थित हैं:
ये सभी ब्लॉक ग्यारहवीं नीलामी श्रृंखला (11th Tranche of Auction) के अंतर्गत हैं।
कोयला मंत्रालय ने इस अवसर पर दोहराया कि वह कोयले की निर्यात पर निर्भरता को कम करने, स्थायी उत्पादन सुनिश्चित करने और घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रतिबद्ध है। मंत्रालय ने अपने बयान में कहा कि तेजी से बढ़ता उत्पादन और डिस्पैच भारत की ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक विकास की दिशा में मील का पत्थर है। कोयला क्षेत्र भारत की विकास गाथा में एक मुख्य भूमिका निभा रहा है।
Coal Production को लेकर आई खुशखबरी, उत्पादन 32.53% बढ़कर 167.36 मीट्रिक टन हुआ