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अगले साल सोने की कीमतों में दिख सकती है तेजी: CEO, विश्व स्वर्ण परिषद

भू-राजनीतिक और भू-आ​र्थिक कारकों के अलावा मांग में बुनियादी बदलाव से सोने की कीमतों का उच्चतम स्तर पर पहुंचने का अच्छा अवसर है

Last Updated- August 20, 2023 | 11:24 PM IST
Q&A with World Gold Council Chief Executive Officer, David Tait: I expect gold price to be significantly higher next year

विश्व स्वर्ण परिषद (WGC) के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) डेविड टैट का मानना है कि कि सोने की कीमतों में आगे भी चमक बनी रहेगी। इंडियन गोल्ड कॉन्फ्रेंस के लिए कोलकाता पहुंचे डेविड ने वीडियो साक्षात्कार में ईशिता आयान दत्त से स्व-नियमन संगठन, सोने की मांग और कीमतें सहित तमाम पहलुओं पर बात की। पेश हैं मुख्य अंश :

विश्व स्वर्ण परिषद ने भारत में स्व-नियमन की प्रक्रिया शुरू की थी। उसकी ​स्थिति क्या है?

स्व-नियमन महंगी प्रक्रिया है और आगे चलकर डब्ल्यूजीसी इसके लिए पैसे का प्रबंध करेगा। हम इस साल और आगामी वर्षों के लिए फंडिंग का निर्धा​रण करने की प्रक्रिया में हैं। यह महत्त्वपूर्ण है कि उद्योग एक निकाय के अंतर्गत एकजुट हो। इसके लिए मेरा दृ​ष्टिकोण यह है कि दुनिया भर में उभरने वाले अन्य सभी स्व-नियमन संगठन स्वर्ण उद्योग के लिए एक शीर्ष निकाय बनाने में अपना योगदान दें।

स्व-नियमन संगठन कब तक आकार ले लेगा?

अगर 2024 के लिए धन की औपचारिक मंजूरी इस साल के अंत तक मिल जारी है तो स्व-नियमन संस्था अगले साल के मध्य से काम करने लगेगी। डब्ल्यूजीसी के अंतर्गत इसके ढांचे पर सहमति बन गई है। दस्तावेज भी तैयार हो चुके हैं और यह बहुत उम्दा प्रतीत होता है।

डिजिटल गोल्ड को लेकर क्या सरकार से आपकी कोई चर्चा हुई है?

नहीं, अभी इस बारे में कोई बात नहीं हुई है। लेकिन कई परियोजनाओं में डिजिटल सोने का मेरे लक्ष्यों में अहम भूमिका है। सबसे पहले हम गोल्ड बुलियन या गोल्ड बार की सत्यनिष्ठा को पुख्ता करने का प्रयास कर रहे हैं। सोने का व्यापार करने वाले संस्थानों के लिए पूंजी जुटाने के लिए बाजार में कई बाधाएं हैं और ये विश्वास एवं पारद​र्शिता के इर्द-गिर्द घूमती हैं। इसलिए गोल्ड बुलियन की सत्यनि​ष्ठा को हल करना मेरी प्राथमिकता है।

लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन के साथ काम करके हमने उद्योग को साथ लाकर गोल्ड बुलियन इंटीग्रिटी डेटाबेस तैयार किया है। एक ऐसा डेटाबेस बनाने का विचार है जो दुनिया भर के लिए विश्वसनीय हो और सभी प्रकार के मान्यता प्राप्त सोना इसमें शामिल हों। मैं खनन कारीगरों को साथ लाऊंगा और जिम्मेदार सोर्सिंग के बदले उन्हें अपना सोना पारि​स्थितिकी तंत्र में लाने का अवसर दूंगा।

और उम्मीद है कि मैं आपरा​धिक गिरोहों के बीच पहुंच सकूंगा और दुनिया भर के बच्चों को खदानों में काम करने से बचा सकूंगा। हम जो करने का प्रयास कर रहे हैं, उसका सार यही है। हम सोने के सभी फिजिकल रूपों को डिजिटल बनाने की संभावना तलाश रहे हैं। डिजिटल होने से आप कई तरह की वित्तीय संप​त्तियां बना सकते हैं।

क्या डब्ल्यूजीसी भारत सरकार के समक्ष किसी नीतिगत मसले पर बात करने की संभावना देख रहा है?

डिजिटल गोल्ड का विनियमन का मसला। यह स्पष्ट रूप से बाजार के लिए फायदेमंद है और ऐसा होने से सोने को भी फायदा होगा।

डॉलर के मजबूत होने से सोने की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। क्या सोने की कीमतों को और अड़चनों का सामना करना पड़ सकता है?

सोने की कीमतों को लेकर मेरी अलग राय है। मुझे लगता है कि ब्याज दरों और मुद्रास्फीति की प्रतिकूल परि​स्थितियों को देखते हुए सोने की कीमत में गिरावट की काफी संभावनाएं हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जब कीमत 2,100 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई तो वहां से ऊपर काफी जोखिम था। लेकिन जब यह गिरकर 1,650 डॉलर प्रति औंस पर आ गया और लंबे समय तक एक दायरे ही रहा। इसका मतलब है कि सोने की कीमतों में अ​स्थिरता कम हो गई है।

भू-राजनीतिक और भू-आ​र्थिक कारकों के अलावा मांग में बुनियादी बदलाव से सोने की कीमतों का उच्चतम स्तर पर पहुंचने का अच्छा अवसर है। सोने को डिजिटल बनाकर और उसके प्रति विश्वास पैदा कर हम बाजार बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इसके अलावा आप देख रहे हैं कि दुनिया भर में कर्ज के कारण काफी दबाव बढ़ रहा है। कर्ज का यह गुबार कभी भी फट सकता है। और मेरा मानना है कि सोने में नरमी को दूसर करने के लिए हम एकदम सही ​स्थिति में हैं।

सोने की मांग को बढ़ावा देने वाले प्रमुख कारक क्या हैं?

अगर भारत में सोने की कीमतों में थोड़ी गिरावट आती है तो आप देखेंगे कि मांग में तेजी आएगी। हालांकि मुझे लगता है कि सोने की कीमतें कुछ समय से अपेक्षाकृत ​​स्थिर दायरे में रही हैं और लोगों ने भी इसे समझा है। लोगों को निवेश के नजरिये से सोने की कीमतों में तेजी का पीछा करते देखने की उम्मीद करूंगा। लोगों के रोजमर्रा के खर्च को कम करने और खर्च करने योग्य आय बढ़ने से आगे सोने की मांग में तेजी आ सकती है। शायद शुल्क में बदलाव भी हो सकता है लेकिन मैं उसका अनुमान नहीं लगा सकता।

दुनिया की भू-राजनीतिक और भू-आ​र्थिक चिंताएं लोगों के लिए सोने को आकर्षक बनाती रहेंगी। जहां तक कीमतों की बात है तो मुझे आश्चर्य होगा अगर सोने की कीमतें अगले साल इस समय से कम होंगी। मेरा मानना है कि अगले साल सोने के दाम में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है। ऐसे बहुत से लोग हैं जिन्होंने लंबे समय से अपने पास रखा सोना बेच दिया है और वे इससे चिंतित हैं कि इसकी कीमतों में वास्तव में ज्यादा गिरावट नहीं आई है।

अप्रैल-जून 2023 में केंद्रीय बैंकों की ओर से सोने की खरीद में नरमी देखी गई। क्या आपको लगता है कि आगे इसमें तेजी आएगी?

सोने की खरीद करने वाले अ​धिकतर केंद्रीय बैंक विकासशील देशों के हैं। प​श्चिमी देशों में जाहिर तौर पर पहले ही काफी कुछ जमा कर रखा है। विकासशील देशों के सोने में निवेश को देखते हुए मेरा मानना है कि आगे इनकी ओर से सोने की मांग बनी रहेगी।

नकद लेनदेन पर रोक और उच्च आयात शुल्क के साथ भारत में नियामकीय परिदृश्य में बदलाव आया है। बाजार पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है?

कुछ लोग कह सकते हैं कि उच्च आयात शुल्क के कारण सोने में अवैध व्यापार को बढ़ावा मिला है। मैंने गोल्ड कॉन्फ्रेंस में दो पक्षों के तर्क सुने हैं। आप उस संबंध में धारणाएं बना सकते हैं और यह एक तार्किक निष्कर्ष प्रतीत होगा लेकिन वास्तव में इस बारे में मेरी कोई ठोस राय नहीं है क्योंकि हमारे पास इससे संबं​​​धित कोई आंकड़ा नहीं है।

भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बुलियन एक्सचेंज बनाया है और आयातित सोने के लिए देश में एक रास्ता बनाने का प्रयास किया है। मैं अवैध सोने के व्यापार को खत्म करने के लिए इस तरह के प्रयास की सराहना करता हूं। सरकारी दृ​ष्टिकोण से यह बहुत मायने रखता है और अगर आप वैध सोने के कारोबार को बढ़ावा देते हैं तो इससे भारी मात्रा में कर प्राप्त होगा।

हर महीने 1 करोड़ से ज्यादा आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है। इसका आगे किस तरह से फायदा मिल सकता है?

मुझे उम्मीद है कि उद्योग यह स्वीकार करेगा कि हॉलमार्किंग में निवेश करना उसका निहित स्वार्थ है। इसे हमेशा के लिए पैसे देना डब्ल्यूजीसी का दायित्व नहीं होना चाहिए। हम स्व-नियमन के माध्यम से जो उम्मीद कर रहे हैं, वह ठीक ऐसा ही है। हॉलमार्किंग को व्यापक तौर पर स्थापित करना हमारे हित में है।

First Published - August 20, 2023 | 11:24 PM IST

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