ओमीक्रोन के प्रसार और कुछ राज्यों द्वारा लगाए जा रहे प्रतिबंधों के कारण आर्थिक परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। अर्थशास्त्रियों का अब कहना है कि पहले के अनुमान की तुलना में अब वृद्धि के आंकड़े नीचे रहने का जोखिम है क्योंकि प्रतिबंधों से सेवाएं प्रभावित होंगी, जो भारत की अर्थव्यवस्था का सबसे बड़ा क्षेत्र है। इस प्रतिबंध से चालू वित्त वर्ष की चौथी तिमााही में आर्थिक वृद्धि 10 से 30 आधार अंक कम हो सकती है। हालांकि कुछ अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लगातार बदलते हालात के दौर में अभी कुछ कहना जल्दबादी होगी।
बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि चौथी तिमाही में जीडीपी 10 से 20 आधार अंक नीचे आ सकता है, अगर प्रतिबंध इस दौरान जारी रहता है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से सेवा क्षेत्र प्रभावित होगा। एचडीएफसी बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री अभीक बरुआ ने कहा कि उनके वृद्धि अनुमान में चौथी तिमाही में 20 से 30 आधार अंक की गिरावट की संभावना है। एचडीएफसी ने इस तिमाही में 6.1 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। क्रिसिल के मुख्य अर्थशास्त्री डीके जोशी ने कहा कि वह पूरे वित्त वर्ष के लिए 9.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान बरकरार रखेंगे। उन्होंने कहा, ‘तीसरी तिमाही अच्छी रही है, हमारे उम्मीद से कुछ बेहतर। लेकिन चौथी तिमाही पर विपरीत असर होगा। इसके असर के बारे में कहना कठिन है क्योंकि अनिश्चितता बनी हुई है।’ इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि उनके शुरुआती विश्लेषण में कहा गया है कि ओमीक्रोन का असर एक तिमाही तक सीमित रह सकता है क्योंकि सरकारों ने बेहतर तैयारी की है। उन्होंने कहा, ‘बहरहाल अनिश्चितता बहुत ज्यादा है। जीडीपी पर असर इस बात पर निर्भर है कि आने वाले सप्ताहों में कितना प्रतिबंध रहता है। फिलहाल हम अपने 9 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि अनुमान में बहुत मामूली गिरावट की संभावना देख रहे हैं।’
क्वांटइको रिसर्च में अर्थशास्त्री युविका सिंगला ने कहा कि उन्होंने पूरे साल की जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाकर 9.6 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 10 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। उन्होंने कहा, ‘ओमीक्रोन के अलावा हम जिंसों के बढ़े दाम, इनपुट लागत में तेजी और त्योहारी सीजन खत्म होने, मांग घटने और वृद्धि में सुस्ती को देखते हुए हम गिरावट का जोखिम देख रहे हैं।’
डन ऐंड ब्रैडस्ट्रीट के मुख्य अर्थशास्त्री अरुण सिंह ने कहा कि ओमीक्रोन के असर से 2022 का परिदृश्य धुंधला हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक वृद्धि से अप्रभावित नहीं है और विभिन्न देश अपनी सीमाएं बंद करने व घरेलू प्रतिबंध लगाने को विवश हैं। एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने कहा कि अभी इस पर प्रतिक्रिया देना जल्दबाजी है। उन्होंने कहा कि यह वायरस बहुत सामान्य है।
येस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान ने कहा कि प्रतिशत अंक का आकलन तभी किया जा सकता है, जब यह पता चल सके कि ओमीक्रोन अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचा रहा है।