facebookmetapixel
राम मंदिर निर्माण का काम हुआ पूरा, 25 नवंबर को पीएम मोदी करेंगे ध्वज स्थापनाOnline seed booking: अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों की सुधरेगी उपलब्धता, किसान ऑनलाइन बुक कर सकेंगे बीजबिहार के बाद अब 12 राज्यों में शुरू होगा एसआईआर, 51 करोड़ मतदाता होंगे शामिलडेट सिक्युरिटीज में रिटेल निवेशकों को मिल सकता है इंसेंटिव, सेबी का नया प्रस्तावIndian Oil Q2 Results: इंडियन ऑयल का मुनाफा कई गुना बढ़ा, Q2 में ₹13,288 करोड़ का नेट प्रॉफिटRAC टिकट क्या है? बिना डर करें रेल यात्रा, सीट की गारंटी तयQ2 नतीजों के बाद SBI Cards पर बंटी राय – कहीं ₹700 का खतरा, तो कहीं ₹1,100 तक की उम्मीदऑल टाइम हाई पर दिग्गज Tata Stock, ब्रोकरेज ने अपग्रेड की रेटिंग, कहा-खरीद लें; अभी 30% और चढ़ेगा51% उछला सोना, सिर्फ 6% बढ़े शेयर! ब्रोकरेज ने बताया अब कहां पैसा लगाने पर मिलेगा बेहतर रिटर्नचीन को टक्कर दे रहा भारत का ये फाउंडर! IPO से पहले पीयूष बंसल बोले – अभी तो शुरुआत है

बुनियादी ढांचे के विकास में झोंकी पूंजी: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

संप्रग कार्यकाल के मुकाबले राजग कार्यकाल में पिछले 10 वर्षों में पूरी हुईं कई विकास परियोजनाएं

Last Updated- May 15, 2024 | 11:28 PM IST
Union Minister Nirmala Sitharaman

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ढांचागत विकास में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार से बेहतर कार्य किया है।

वित्त मंत्री ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर कहा, ‘संप्रग के कार्यकाल के दौरान कुल व्यय में पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी बहुत तेजी से गिरी थी। वर्ष 2003-04 में यह 23 प्रतिशत थी, लेकिन 2005 से 2014 के बीच यह गिरकर औसतन 12 प्रतिशत पर आ गई। कल्पना कीजिए कि कांग्रेस के कारण भारत ने पूंजीगत व्यय में पर्याप्त निवेश नहीं करके कितना बड़ा मौका गंवा दिया।’

उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने पूंजीगत व्यय में अच्छी-खासी बढ़ोतरी की है। वर्ष 2023-24 में कुल पूंजीगत व्यय की हिस्सेदारी 21 प्रतिशत तक हो गई है, जबकि वर्ष 2013-14 में यह मात्र 12 प्रतिशत ही थी।’ सीतारमण ने एनआईपीएफपी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने ढांचागत विकास पर पूर्ववर्ती सरकार के मुकाबले 3.7 गुना पैसा खर्च किया है।

सीतारमण ने अपनी बात को पुख्ता करने के लिए तत्कालीन कैबिनेट सेक्रेटरी का हवाला दिया, जिन्होंने वर्ष 2013 में कहा था कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में विशेषकर ढांचागत और विनिर्माण की कई बड़ी परियोजनाएं निवेश नहीं मिलने के कारण अटक गई हैं, क्योंकि उन्हें विभिन्न प्रकार की मंजूरियां अथवा क्लियरेंस मिलने में देर हो रही है।

हालांकि सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) की ताजा तिमाही रिपोर्ट कहती है कि मौजूदा समय में चल रहीं 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक की 779 परियोजनाएं देर से चल रही हैं ओर 449 परियोजनाओं की औसतन लागत 5 लाख करोड़ रुपये तक बढ़ानी पड़ी है।

सीतारमण के अनुसार देश में राष्ट्रीय राजमार्ग का नेटवर्क 60 प्रतिशत तक बढ़ गया है। पहले यानी 2014 में 91,287 किलोमीटर हाइवे थे, वर्ष 2023 में यह बढ़कर 1,46,145 किलोमीटर हो गए हैं। उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के संप्रग सरकार के कार्यकाल के दौरान इसमें केवल 39 प्रतिशत की ही बढ़ोतरी हुई थी, जो 65,569 किलोमीटर से बढ़कर 91,287 किलोमीटर तक पहुंचे थे।

वित्त मंत्री ने कहा, ‘सड़क संपर्क बढ़ने से न केवल निवेश की गति बढ़ती है, बल्कि स्थानीय कारोबार भी तेजी से तरक्की करता है, क्योंकि बाजारों तक पहुंच आसान होती है और ढुलाई लागत कम हो जाती है। बेहतर सड़कों के कारण देश में वार्षिक स्तर पर ढुलाई लागत में 2.4 लाख करोड़ रुपये से 4.8 लाख करोड़ रुपये बचने की संभावना है।’

विश्व बैंक की लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग इस समय 38वीं है और यह बहुत तेजी से बढ़ रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से देश में मेट्रो नेटवर्क लगभग चार गुना बढ़ गया है। उस समय देश के बड़े पांच शहरों में मेट्रो नेटवर्क की लंबाई केवल 248 किलोमीटर थी, लेकिन अब 20 शहरों तक मेट्रो पहुंच चुकी है और मेट्रो रेल नेटवर्क बढ़कर 939 किलोमीटर हो चुका है।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांवों में 3.74 लाख किलोमीटर ग्रामीण सड़कें बनाई गई हैं। इस क्षेत्र में भी मोदी सरकार का रिकॉर्ड पिछली सरकार के मुकाबले दोगुने से अधिक का है। इस समय लगभग 99 प्रतिशत गांव सड़कों से जुड़ चुके हैं।

इसके अलावा, पिछली सरकार के दस वर्षों में 14,985 किलोमीटर रेल ट्रैक नेटवर्क बिछाया गया था, जबकि मौजूदा सरकार के पिछले नौ वर्षों में यानी वर्ष 2014 से 2023 के बीच 25,871 किलोमीटर रेल ट्रैक नेटवर्क बिछाया जा चुका है। दस साल पहले जहां एक दिन में केवल 4 किलोमीटर रेल ट्रैक ही बिछाया जाता था, इस सरकार में रेल मंत्रालय ने वर्ष 2023-24 के दौरान प्रति दिन 14.5 किलोमीटर रेल ट्रैक (कुल 5,300 किमी) बिछाया।

उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने बुनियादी ढांचे के निर्माण पर ध्यान न देकर भारत को न केवल बहुत जरूरी सड़कों, रेलवे, बिजली से वंचित कर दिया, बल्कि इसने भारत की दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता को भी नजरअंदाज किया। हालांकि, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सक्रिय भूमिका ने बुनियादी ढांचे में बदलाव को संभव बना दिया है।

उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने प्रगति मंच के जरिये इन परियोजनाओं की प्रगति की व्यक्तिगत तौर पर निगरानी की है। इससे लंबे समय से लटकी परियोजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हुईं।’ इसके साथ ही सीतारमण ने मोदी सरकार के समय सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में हुई बढ़ोतरी का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इससे न केवल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि को बढ़ावा मिलता है बल्कि यह अर्थव्यवस्था की दीर्घकालिक सक्षमता को भी सुधारती है।

First Published - May 15, 2024 | 11:02 PM IST

संबंधित पोस्ट