S&P ग्लोबल रेटिंग्स मानना है कि भारत में मुख्य महंगाई में क्रमिक आधार पर लगातार कमी आ रही है, ऐसे में 6.25 फीसदी के ऊंचे स्तर तक पहुंच चुकी नीतिगत दर में और वृद्धि की जरूरत सीमित रह गई है।
भारतीय रिजर्व बैंक रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में आई अड़चनों की वजह से पिछले साल मई से रीपो दर में 2.25 फीसदी की वृद्धि कर चुका है। रीपो दर इस समय 6.25 फीसदी है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) बुधवार को नीतिगत दरों पर अपने निर्णय की घोषणा करेगी।
S&P की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘भारत में मुख्य महंगाई लंबे समय उच्चस्तर पर रहने के बाद 2022 की दूसरी छमाही से नीचे आ रही है। वहीं नीतिगत दरें पहले ही 6.25 फीसदी के ऊंचे स्तर पर हैं।’ रिजर्व बैंक को खुदरा महंगाई को छह फीसदी (दो फीसदी ऊपर या नीचे) के स्तर पर रखने की जिम्मेदारी मिली हुई है।
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रूस-यूक्रेन युद्ध जैसे बाहरी कारकों से खुदरा महंगाई लगातार 11 माह तक रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर रही थी। नवंबर, 2022 में खुदरा महंगाई छह फीसदी से नीचे आई थी। दिसंबर में यह और घटकर 5.72 फीसदी के स्तर पर आ गई।