अर्थशास्त्रियों व विभिन्न रेटिंग एजेंसियों ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था में 7 से 9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया है। जीडीपी के दूसरी तिमाही के आधिकारिक आंकड़े मंगलवार को आने हैं।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 20.1 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई थी। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 24.4 प्रतिशत संकुचन के निचले आधार पर यह वृद्धि हुई थी।
केयर रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को विनिर्माण क्षेत्र से ज्यादा सहारा मिलने की उम्मीद है, जिसमें त्योहारों के मौसम में बेहतर रिकवरी देखी गई है।
उन्होंने कहा कि जुलाई और उसके बाद से ज्यादातर राज्यों में लॉकडाउन खत्म किए जाने के बाद से भारतीय अर्थव्यवस्था ने दूसरी तिमाही में बेहतर प्रदर्शन किया है। सबनवीस ने कहा कि शारीरिक दूरी की चुनौतियों और आंशिक रूप से खुलने के कारण सेवा क्षेत्र अभी भी रहा प्रभावित है। सिर्फ सितंबर के बाद ही तमाम राज्यों ने धीरे धीरे ये सेवाएं खोली हैं।
क्वांटइको रिसर्च में अर्थशास्त्री युविका सिंघल ने कहा कि कोविड संक्रमण करीब खत्म होने से लॉकडाउन के प्रतिबंधों में राज्य स्तर पर छूट मिली, साथ ही टीकाकरण भी व्यापक रूप से हुआ। इन वजहों से दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों को बल मिला।
इसके साथ ही त्योहारों के सीजन के पहले भंडार बनाने के साथ सितंबर महीने में सरकारी व्यय में बढ़ोतरी की वजह से भी आर्थिक गतिविधियों को बल मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि उद्योग और सेवा क्षेत्र में बेहतर तेजी की वजह से इसके परिणाम की उम्मीद है।
सिंघल ने कहा, ‘हमारा उच्च तीब्रता का प्रमुख संकेतक डीएआरटी इंडेक्स जुलाई 2021 में 100 बेसलाइन के पार चला गया है। उसके बाद सितंबर, 2021 में यह रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया और अक्टूबर, 2021 में फिर ऐसी ही स्थिति रही।’
पीडब्ल्यूसी इंडिया में आर्थिक सलाहकार सेवा के प्रमुख रानेन बनर्जी ने कहा कि ज्यादातर मामलों में उच्च तीब्रता के संकेतक इस साल सितंबर तक महामारी के पहले के स्तर के करीब पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ कांट्रैक्ट सेवाएं भी चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में बहाल हुई हैं और इससे दूसरी तिमाही में तेज वृद्धि को समर्थन मिलेगा।
इंडिया रेटिंग्स के मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने दूसरी तिमाही में आर्थिक वृद्धि का श्रेय आधार के असर और त्योहारी के पहले की मांग के कारण आर्थिक गतिविधियों में सुधार को दिया है।
एसबीआई समूह के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्यकांति घोष ने कहा कि वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में 8.1 प्रतिशत की अनुमनित वृद्धि सभी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे ज्यादा वृद्धि होगी।
उन्होंने कहा, ‘चुनिंदा 28 अर्थव्यवस्थाओं की औसत जीडीपी वृद्धि जुलाई-सितंबर, 2021 के दौरान 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है।’
इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि वित्त वर्ष 22 की दूसरी तिमाही में औद्योगिक व सेवा क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों सुधार रहने की संभावना है, क्योंकि कोविड-19 की दूसरी लहर का असर कम होने व टीकाकरण का कवरेज बढऩे से आत्मविश्वास बढ़ा है।
नायर ने कहा, ‘इसके साथ ही केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा खर्च बढ़ाने, तेज वाणिज्यिक निर्यात और कृषि क्षेत्र में मांग बरकरार रहने से उस तिमाही में आर्थिक गतिविधियों को समर्थन मिला है।’
