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11 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी अर्थव्यवस्था

Last Updated- December 12, 2022 | 9:02 AM IST

आर्थिक समीक्षा में भारत की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर चालू कीमतों पर 15.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। समझा जा रहा है कि आगामी 1 फरवरी को पेश होने वाले बजट में मुख्य दरों और अनुपातों के निर्धारण में वद्धि दर का यह अनुमान अहम भूमिका अदा कर सकता है। चालू वित्त वर्ष में स्थिर कीमतों पर सकल घरेलू अनुपात (जीडीपी) 11 प्रतिशत रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। आर्थिक गतिविधियों में तेजी, कोविड-19 से बचाव के  लिए टीकाकरण अभियान शुरू होने और साथ ही सुधारों की घोषणा एवं ढांचागत क्षेत्र को मजबूती देने के उपाय इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं। हालांकि वृद्धि दर का अनुमान देखने एवं सुनने में जरूर अधिक लग रहा है, लेकिन इस बात पर गौर किया जाना चाहिए कि चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में 7.7 प्रतिशत गिरावट का अनुमान व्यक्त किया गया है। इस वजह से 11 से 12 प्रतिशत वृद्धि दर के अनुमान का अधिक महत्त्व नहीं रह जाता है। इसका मतलब यह हुआ कि वित्त वर्ष 2019-20 के आंकड़ों के अनुसार देश की जीडीपी वृद्धि दर महज 2.4 प्रतिशत रफ्तार से बढ़ेगी।
आर्थिक समीक्षा के अनुसार देश की अर्थव्यवस्था को कोविड-19 से पहले के स्तर पर आने में कम से 2 वर्षों का समय लग सकता है। 15.4 प्रतिशत वृद्धि दर के साथ अगले वर्ष देश की अर्थव्यवस्था का आकार 224.8 लाख करोड़ रुपये रहेगा। आगामी बजट में यह लगभग तय है कि अहम आंकड़ों की गणना करते समय इस आंकड़े पर विचार किया जाएगा। इन अहम आंकड़ों में कर संग्रह, राजकोषीय घटा, निवेश दर आदि शामिल हैं।  आर्थिक समीक्षा मेंं कहा गया है कि आपूर्ति व्यवस्था की हालत सुधरने और नियमों में ढील दिए जाने से आर्थिक वृद्धि को मजबूती मिलेगी। समीक्षा के अनुसार देश के बुनियादी ढांचे में सुधार पर जोर, उत्पादन संबद्ध योजना, मांग में तेजी और व्यय में तेजी की भी इसमें अहम भूमिका रहेगी। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की अर्थव्यवस्था में 11.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया है। समीक्षा में जाहिर अनुमान भी कुछ इसी तरह हैं।
इक्रा लिमिटेड में अर्थशास्त्री आदिति नायर ने कहा कि आर्थिक समीक्षा में जो अनुमान लगाए गए हैं उनके लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों को व्यय बढ़ाने होंगे। उन्होंने कहा, ‘निजी क्षेत्र में क्षमता विस्तार की प्रक्रिया में उतार-चढ़ाव देखे जा सकते हैं और अगली कुछ तिमाहियों में कुछ खास क्षेत्रों पर
कंपनियां अधिक जोर दे सकती हैं।’
केंद्रीय बजट में कर राजस्व में 15-16 प्रतिशत वद्धि का अनुमान दिया जा सकता है, जो विनिविश के लिए तय लक्ष्य के अनुसार ही है। नायर ने कहा कि इससे सरकार को व्यय के मोर्चे पर हाथ खोलने का मौका मिल सकता है, खासकर पूंजीगत व्यय में इजाफा किया जा सकता है। उन्होंने
कहा, ‘जीडीपी वृद्धि दर अधिक रहने से सरकार को अगले कुछ वर्षों में अपनी वित्तीय स्थिति मजबूत करने में मदद मिल सकती है।’ मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन द्वारा तैयार आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि देश की अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है और कोविड-19 से लडऩे के लिए सरकार द्वारा किए गए उपायों के उत्साहित करने वाले नतीजे दिखे हैं। समीक्षा के अनुसार अर्थव्यवस्था अब पटरी पर लौटने लगी है। समीक्षा मेंं कहा गया है, ‘भारत में आर्थिक गतिविधियों में खासी तेजी आई है। पहली तिमाही में जीडीपी 24 प्रतिशत फि सलने के बाद अब मजबूती के साथ आगे बढ़ रही है। सरकार और आरबीआई की तरफ से मिली मदद ने इसमें अहम भूमिका निभाई है।

First Published - January 29, 2021 | 11:34 PM IST

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