इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च (इंड-रा) ने वित्त वर्ष 24 के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर का अपना अनुमान को 6.2 प्रतिशत से बढ़ाकर 6.7 प्रतिशत कर दिया है।
हालांकि रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि राजस्व व्यय बजट से अधिक होने के कारण राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा।
एजेंसी के मुताबिक, ‘अनुदान की पहली और दूसरी अनुपूरक मांग से राजस्व व्यय तय बजट से ज्यादा होने के साथ ही नॉमिनल GDP बजट अनुमान से कम रहने की वजह से राजकोषीय घाटा GDP के 6 फीसदी पर पहुंच जाएगा और यह बजट में तय लक्ष्य 5.9 प्रतिशत से 10 आधार अंक अधिक है।’
रिपोर्ट के अनुसार मजबूत अर्थव्यवस्था की वजह से GDP के वृद्धि अनुमान को संशोधित करके बढ़ाया गया है। वित्त वर्ष 24 की दूसरी तिमाही में सतत सरकारी पूंजीगत व्यय और कॉरपोरेट व बैंकिंग सेक्टर के लेखा-जोखा में उधारी कम होने से भारत की अर्थव्यवस्था 7.6 प्रतिशत से बढ़ी थी।
इंडिया रेटिंग्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि नए निजी कॉरपोरेट पूंजीगत व्यय, सॉफ्टेवयर सेवाओं का निर्यात निरंतर बढ़ने, वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत में भेजे जाने वाले धन में इजाफा होने आदि संभावनाओं के कारण उच्चतर अनुमान पेश किया गया है।
इंड-रा ने अपनी रिपोर्ट में महंगाई के बारे में कहा कि खुदरा महंगाई तीसरी और चौथी तिमाही में घटकर क्रमश 5.1 प्रतिशत और 4.7 प्रतिशत आने का अनुमान है।
रेटिंग एजेंसी ने निजी पूंजीगत व्यय में बेहतरी के संकेत आने के कारण निवेश की मांग बढ़ने का अनुमान जताया है। इंड-रा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 24 में सकल स्थिर पूंजी निर्माण 9.5 प्रतिशत बढ़ेगा।
इंड-रा ने रिपोर्ट में कहा, ‘सरकार को रोजकोषीय चुनौतियों का प्रमुख तौर पर सामना करना पड़ सकता है। इसका कारण यह है कि नॉमिनल GDP वृद्धि बजटीय अनुमान (10.5 प्रतिशत) से कम (9.6 प्रतिशत) है। इससे वित्त वर्ष 24 में केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय कम हो सकता है और यह सकल स्थिर पूंजी निर्माण में भी दिख सकता है।’