सरकार की ओर से शुक्रवार को भले ही पेट्रोल की कीमतों में 5 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की घोषणा की गई हो,
लेकिन ट्रांसपोर्टर और माल ढुलाई कंपनियां किराए में कटौती करने को तैयार नहीं हैं। ट्रांसपोर्टरों का कहना है कि वे मंदी और नकदी की किल्लत का सामना कर रहे हैं, ऐसे में ईंधन की कीमतों में हुई कटौती से उन्हें कुछ राहत मिलेगी, लेकिन किराया कम कर दिया, तो कंपनियां नुकसान वहन करने में सक्षम नहीं हो पाएंगी।
यही नहीं, कुछ प्रमुख ट्रांसपोर्ट कंपनियां तो किराए में 5 से 10 फीसदी बढ़ोतरी की योजना बना रही हैं। देशभर में 3500 ट्रकों का परिचालन करने वाली सेफ एक्सप्रेस कंपनी के प्रबंध निदेशक (मार्केटिंग) विनीत कनौजिया का कहना है कि पिछले कुछ समय से ऊंची ब्याज दरें और वेयरहाउसों (मालगोदामों) के किराए में काफी इजाफा हुआ है।
ऐसे में हम अपने ग्राहकों को यह बता रहे हैं कि जल्द ही किराए में और बढ़ोतरी की जा सकती है। उनका कहना है कि मौजूदा उधारी की स्थिति को देखते हुए किराया बढ़ाने के अलावा, कंपनियों के पास कोई अन्य विकल्प नहीं है।
माल ढुलाई कंपनियों का कहना है कि पिछले एक साल के दौरान माल ढुलाई की लागत काफी बढ़ गई है, जबकि उस अनुपात में किराए में बढ़ोतरी नहीं हुई है। यही वजह है कि डीजल की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कटौती से किराए पर कोई असर पड़ने की आशंका नहीं है।