facebookmetapixel
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जल्द शुरू होंगी एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा की दैनिक उड़ानेंशॉर्ट-टर्म में डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट से निर्यातकों को फायदा, लेकिन आयातकों की बढ़ेंगी मुश्किलेंस्मॉल और मिड कैप फंड का रिटर्न 5 साल में 25% से ज्यादा, लार्ज कैप ने किया निराश; क्यों लुभा रही छोटी कंपनियांं?71st National Film Awards: शाहरुख खान को मिला करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड, ‘जवान’ के लिए बने बेस्ट एक्टरOpenAI-Nvidia की $100 बिलियन की डील के बाद दुनियाभर में रॉकेट बने सेमीकंडक्टर स्टॉक्सJioBlackRock Flexi Cap Fund: खत्म हुआ इंतजार, सब्सक्रिप्शन के लिए खुला फंड; ₹500 से निवेश शुरूएक महीने में 15% चढ़ गया Auto Stock, ब्रोकरेज ने कहा- खरीद लो, कमाई बढ़ने से कंपनी को होगा फायदाFlipkart BBD Sale 2025: One Plus, Nothing से लेकर Samsung तक; ₹30,000 के बजट में खरीदें ये टॉप रेटेड स्मार्टफोन्सS&P ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान 6.5% पर रखा बरकरार, कहा- रीपो रेट में हो सकती है कटौतीनवी मुंबई एयरपोर्ट से शुरू होंगी एयर इंडिया की नई उड़ानें, जल्द बढ़ेंगे अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

आरबीआई के रुख से मांग में दिखी नरमी

वृद्धि बनाए रखने के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता, दूसरी छमाही में पूंजी निर्माण और एआई निवेश में तेजी के संकेत

Last Updated- December 26, 2024 | 10:36 PM IST
RBI

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के मौद्रिक नीति से जुड़े रुख और वृहद स्तर पर किए गए सतर्क उपायों के कारण वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही के दौरान मांग में नरमी दिखी जिससे आर्थिक वृद्धि की रफ्तार धीमी पड़ गई। वित्त मंत्रालय ने अपनी ताजा मासिक आर्थिक समीक्षा में यह बात कही है। समीक्षा में कहा गया है कि कई अच्छी वजहें भी हैं जिनसे आगे वृद्धि के लिए बेहतर संभावनाएं दिखेंगी।

समीक्षा में कहा गया है कि आरबीआई द्वारा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कम करने से लोगों को कर्ज देने की रफ्तार में तेजी आएगी जो वित्त वर्ष 2025 में काफी कम हो गई थी। जुलाई-सितंबर की अवधि में भारत की आर्थिक वृद्धि अनुमान से अधिक धीमी हो गई और कम होकर 7 तिमाहियों के निचले स्तर 5.4 फीसदी पर आ गई।

समीक्षा में कहा गया है कि भारत के घरेलू आर्थिक बुनियादी मानकों के मुताबिक वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि के लिए सकारात्मक रुझान है बशर्ते कोई नई अनिश्चितता नहीं आ जाए। वित्त मंत्रालय ने दूसरी तिमाही के दौरान जीडीपी वृद्धि में मंदी के लिए सार्वजनिक पूंजीगत खर्च में कमी, वैश्विक स्तर की अनिश्चितताओं, अधिक क्षमता और डंपिंग के डर से प्रभावित निजी पूंजीगत खर्च के स्तर जैसे कारण बताए। मंत्रालय ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘वृद्धि को बनाए रखने के लिए जरूरी होगा कि सभी आर्थिक हितधारक पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिलकर काम करें।’

समीक्षा में कहा गया है कि डॉलर की मजबूती और अमेरिका में नीतिगत दरों पर विचार करने से उभरती अर्थव्यवस्थाओं की मुद्राओं पर दबाव बढ़ गया है। इसका असर भारत सहित अन्य देशों के मौद्रिक नीति निर्धारकों पर भी पड़ेगा।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वित्त वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में पूंजी निर्माण में वृद्धि के संकेत दिखाई दे रहे हैं क्योंकि केंद्र सरकार का पूंजीगत खर्च भी तेजी से बढ़ रहा है।

सरकार को उम्मीद है कि भारत में विदेशी निवेश में तेजी आएगी। कृषि क्षेत्र में उत्पादन की अच्छी संभावनाओं के कारण सरकार को उम्मीद है कि धीरे-धीरे खाद्य कीमतों का दबाव कम होगा। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत इस वक्त आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) में दिख रही वृद्धि को भुनाने के लिए बेहतर स्थिति में है। इसलिए एआई स्टार्टअप में निवेश बढ़ रहा है।

First Published - December 26, 2024 | 10:36 PM IST

संबंधित पोस्ट