कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा पिछले सप्ताह जारी किए गए नवीनतम पेरोल आंकड़ों से पता चलता है कि जुलाई की तुलना में अगस्त में सात राज्यों ने नए ईपीएफ सदस्यों में गिरावट देखी है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने जिन 21 राज्यों के आंकड़े का विश्लेषण किया था, उनमें से इन सात राज्यों में अगस्त के दौरान कुल 43,993 ईपीएफ सदस्यों की संख्या में गिरावट देखी गई। यह अगस्त में सृजित नई नौकरियों के मद्देनजर आता है, जो पांच महीने में पहली बार दस लाख अंक से भी नीचे गिर रहा है क्योंकि ईपीएफओ के जुलाई में 1,119,698 नए सदस्यों थे जो अगस्त में करीब 12 फीसदी घटकर 986,850 हो गए।
जुलाई के 1,694,211 से अगस्त में शुद्ध पेरोल सदस्यों की संख्या मामूली रूप से बढ़कर 1,652,818 हुई। अगस्त में नए सदस्यों और शुद्ध पेरोल दोनों में यह गिरावट गुजरात (13,395), आंध्र प्रदेश (9,460),तमिलनाडु (8,383) और मध्य प्रदेश (4.432) में विनिर्माण क्षेत्र में धीमी गति से रोजगार सृजन के कारण हो सकती है।
महाराष्ट्र और तेलंगाना दो अन्य सबसे बड़े औद्योगिक राज्य जहां सबसे अधिक शुद्ध ईपीएफ सदस्यों का आधार है वहां भी अगस्त में क्रमशः 4,390 और 2,607 नए ईपीएफ सदस्यों में गिरावट दिखी। जबकि राजस्थान (786) में केवल शुद्ध नई सदस्यताओं में मामूली गिरावट देखी गई, कर्नाटक (3,876) को छोड़कर किसी अन्य राज्य ने शुद्ध नई सदस्यता में वृद्धि दर्ज नहीं की। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) के आंकड़े बताते हैं कि भारत की श्रम शक्ति अगस्त में 40 लाख बढ़कर 43 करोड़़ हो गई।
