वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही में 17 जून तक कॉर्पोरेशन कर संग्रह पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.19 प्रतिशत कम रहा है। इस अवधि के दौरान अग्रिम कॉर्पोरेशन कर में 17.68 प्रतिशत वृद्धि के बावजूद ऐसा हुआ है।
वित्त वर्ष 24 में 17 जून तक कॉर्पोरेशन कर प्राप्तियां 1.57 लाख करोड़ रुपये रहीं, जबकि वित्त वर्ष 23 में 16 जून तक कॉर्पोरेशन कर संग्रह 1.71 लाख करोड़ रुपये था। बहरहाल अग्रिम कॉर्पोरेशन कर पहली तिमाही (17 जून तक) में बढ़कर 92,784 करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि (16 जून तक) में 78,842 करोड़ रुपये था।
एडवांस टैक्स ने कॉर्पोरेशन कर की गिरावट की दर को धीमा
दरअसल कॉर्पोरेट्स से अग्रिम कर ने कॉर्पोरेशन कर की गिरावट की दर को धीमा कर दिया है। अन्यथा लेखा महानियंत्रक के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष के पहले 2 महीनों में कॉर्पोरेशन कर प्राप्तियां करीब 39 प्रतिशत घटकर 56,531 करोड़ रुपये रह गई हैं, जो इसके पहले के साल की समान अवधि में 78,525 करोड़ रुपये थी।
बजट में चालू वित्त वर्ष के दौरान कॉर्पोरेशन कर 10.5 प्रतिशत बढ़कर 9.23 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया गया है, जो 2022-23 के संशोधित अनुमान में 8.35 लाख करोड़ रुपये था। इस वित्त वर्ष में 17 जून तक कॉर्पोरेशन कर संग्रह पूरे वित्त वर्ष 24 के बजट अनुमान का 17 प्रतिशत रहा है।
वहीं इस मद में वित्त वर्ष 23 में 16 जून तक कर संग्रह बजट अनुमान का 23.75 प्रतिशत और पूरे 2022-23 के संशोधित अनुमान का 20.48 प्रतिशत था। वित्त मंत्रालय ने पहले के साल में 17 जून तक कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह के आंकड़े साझा किए हैं, वहीं इस तिथि तक अलग अलग संग्रह के आंकड़े साझा नहीं किए हैं।
पिछले साल की प्रेस विज्ञप्ति में 16 जून, 2022-23 तक के आंकड़े उपलब्ध थे। कॉर्पोरेशन कर में गिरावट 8.19 प्रतिशत हो सकती थी, अगर 17 जून, 2022 तक के आंकड़े उपलब्ध होते। पहले के साल के 17 जून तक के आंकड़ों के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कोई जवाब नहीं दिया। बोर्ड ने यह भी जवाब नहीं दिया कि इस बार कॉर्पोरेशन कर में गिरावट की वजह क्या है।
ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक बैंकों व उपभोक्ता कंपनियों को आर्थिक गतिविधि में तेजी लाने, इनपुट लागत में कमी और कर्जदाताओं के दशक में सबसे कम खराब कर्ज होने के कारण पहली तिमाही में आमदनी बढ़ने की उम्मीद है, वहीं वैश्विक प्रतिकूल स्थितियों के कारण सॉफ्टवेयर निर्यातकों के लिए स्थिति कमजोर है।
व्यक्तिगत आयकर के कारण प्रत्यक्ष कर संग्रह में वित्त वर्ष 24 की पहली तिमाही में 17 जून तक तेजी आई है। प्रतिभूति लेन देन कर सहित व्यक्तिगत आयकर से राजस्व करीब एक तिहाई बढ़कर 2.22 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा है।
इसकी वजह से कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में 11.8 प्रतिशत वृद्धि हुई है और यह पिछले साल की समान अवधि के 3.39 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 3.79 लाख करोड़ रुपये हो गया है। अगर हम 2022-23 के 17 जून तक के 3.41 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े से तुलना करें तो इसमें 11.18 प्रतिशत की गिरावट आई है।
अग्रिम व्यक्तिगत आयकर में वृद्धि 8.19 प्रतिशत रही है, जबकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में अग्रिम कॉर्पोरेशन कर में 17.68 प्रतिशत वृद्धि हुई है। अग्रिम व्यक्तिगत आयकर इस साल 17 जून तक 23,991 करोड़ रुपये रहा है, जो 2022-23 में 16 जून तक 22,991 करोड़ रुपये था।
इसकी वजह से कुल अग्रिम कर संग्रह 15.6 प्रतिशत बढ़कर 1.17 लाख करोड़ रुपये हो गया है, जो पहले के साल में 1.01 लाख करोड़ रुपये था। अगर हम पहले के वित्त वर्ष के 17 जून तक के 1.03 लाख करोड़ रुपये संग्रह के आंकड़े लें तो कुल अग्रिम कर 13.7 प्रतिशत गिरा है।