कोविड महामारी के दौरान देश में चार्टर विमानों की मांग काफी बढ़ी थी, लेकिन अब इनकी मांग धीरे-धीरे कम होने लगी है। 2022-23 में देश में चार्टर विमानों की उड़ानें 18.3 फीसदी घटकर 2,49,424 रही।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के आंकड़ों के अनुसार 2021-22 में 3,05,449 चार्टर उड़ानों के साथ आवाजाही उच्चतम स्तर पर पहुंच गई थी। AAI के आंकड़ों को बिज़नेस स्टैंडर्ड ने भी देखा है। भारत के हवाईअड्डों पर प्रत्येक विमान के आगमन या प्रस्थान को एक आवाजाही माना जाता है।
बिजनेस एयरक्राफ्ट ऑपरेटर्स एसोसिएशन (BAOA) के प्रबंध निदेशक राजेश बाली ने कहा, ‘इसमें कोई संदेह नहीं कि कोविड-19 में चार्टर उड़ानों की मांग में इजाफा हुआ था। महामारी के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लोग ज्यादा खर्च करके चार्टर उड़ान भरने के लिए भी तैयार थे।’
बाली ने कहा, ‘महामारी के दौरान आपात यात्राएं भी काफी ज्यादा हो रही थीं और इनमें एयर एंबुलेंस भी शामिल थी। इसलिए अब ऐसी उड़ानों में कमी आई है।’ बीएओए के 70 से ज्यादा सदस्य हैं।
महामारी के दौरान लोग किसी भी तरह के विमान से सफर कर अपनी मंजिल तक पहुंचना चाह रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अब लोगों के पास विकल्प हैं और वे अपनी सुविधा और पसंद की उड़ान चुन सकते हैं।’ उन्होंने कहा कि ऑपरेटरों को अपने बेड़े में उच्च स्तरीय विमान शामिल करने चाहिए।
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बिजनेस जेट के बजाय ग्राहक अब वाणिज्यिक विमानों की बिजनेस श्रेणी में सफर कर रहे हैं। इस बारे में पूछे जाने पर बाली ने कहा, ‘यह काफी हद तक सच है। मगर यह भी देखा जा रहा है कि अगर कोई कंपनी अपने 2-3 वरिष्ठ अधिकारियों को कहीं भेजती हैं तो वह चार्टर विमान बुक करती हैं। आपको वित्त वर्ष 2024 में इसकी मांग का असर दिखेगा।’ ब्लेड इंडिया के प्रबंध निदेशक अमित दत्ता ने कहा कि कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य की चिंता और घरेलू उड़ानों के अभाव में देश में चार्टर विमानों की मांग में तेजी आई थी। लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है, जिससे चार्टर विमानों की मांग घट गई है। हालांकि उन्होंने कहा कि कारोबारी मकसद के लिए अब भी चार्टर विमानों की अच्छी मांग बनी हुई है। बाली की तरह दत्ता ने भी कहा कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान एयर एंबुलेंस की मांग काफी बढ़ी थी। लेकिन अब इसकी मांग कम हो गई है, जिसकी वजह से चार्टर विमानों की कुल आवाजाही भी घट गई है।
कोविड के दौरान कई वाणिज्यिक विमानन कंपनियों ने भी चार्टर सेवाएं देनी शुरू की थीं, जिससे कुल चार्टर उड़ानों में इजाफा हुआ था। दत्ता ने कहा, ‘अब हम चार्टर एग्रीगेटर के पास लौट गए हैं और ऑपरेटर ऐसी सेवाएं मुहैया करा रहे हैं।’
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दत्ता को उम्मीद है कि 2023-24 में चार्टर विमानों की मांग में बढ़ोतरी होगी क्योंकि लोग अपनी सुविधा को महत्त्व देते हुए चार्टर विमानों का उपयोग जारी रख सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘कोविड के दौरान कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने पहली बार चार्टर उड़ान में सफर किया था। वे अब भी इसका फायदा उठाना जारी रख सकते हैं।’