राष्ट्रीय कंपनी विधि अपील अधिकरण (NCLAT) ने आज जेट एयरवेज के सफल बोलीदाता जालान-कालरॉक कंसोर्टियम (JKC) को भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का बकाया चुकाने के लिए अतिरिक्त समय दिया।
कंसोर्टियम को एसबीआई के 150 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी चुकाने के लिए तीन महीने से ज्यादा (97 दिनों) का समय दिया है। इससे पहले जेकेसी को 16 नवंबर से लेकर 15 मई तक यानी 150 दिन का समय दिया गया था।
एसबीआई को बैंक गारंटी के 150 करोड़ रुपये को भुनाने से रोकने के लिए कंसोर्टियम अपील अधिकरण में याचिका दायर की थी। इस पर यह आदेश जारी किया गया है।
इससे पहले की सुनवाई के दौरान एसबीआई ने कहा था कि 15 मई की मियाद पूरी हो जाने के बाद भी कंसोर्टियम ने अब तक बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया। कंसोर्टियम ने अंतरिम स्थगनादेश जारी करने की गुहार लगाते हुए याचिका दायर की थी।
जेट एयरवेज का विमान परिचालन प्रमाणपत्र (एओपी) की वैधता आज खत्म हो गई। भारत के विमानन नियामक द्वारा पिछले साल 20 मई को इसका नवीनीकरण किया गया था। इससे संकेत मिलता है कि विमानन कंपनी की वाणिज्यिक उड़ान सेवा तत्काल शुरू होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। पिछले साल मई तक कंसोर्टियम ने लेनदारों के पास बैंक गारंटी के तौर पर 150 करोड़ रुपये जमा कराया था।
राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (NCLT) ने पिछले साल दिसबंर में लेनदारों से कहा था कि वे जेट एयरवेज का नियंत्रण कंसोर्टियम को सौंप दें। साथ ही उसने कंसोर्टियम को इस साल 14 मई तक 185 करोड़ रुपये लेनदारों को भुगतान करने के लिए कहा था ताकि स्वामित्व हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू की जा सके। मगर, लेनदारों को अब तक इसका भुगतान नहीं किया जा सका है।