बिजली उत्पादन की लागत प्रति इकाई 17 से 18 पैसे घटना तय है। दरअसल, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसीटी) परिषद ने हाल में कोयले पर 400 रुपये प्रति टन का क्षतिपूर्ति उपकर हटा दिया था। कोयला मंत्रालय ने बयान में बताया कि इस बदलाव से बिजली क्षेत्र के लिए कोयले का औसत मूल्य 260 रुपये प्रति टन के करीब रहने का अनुमान है।
इसने बताया कि इस सुधार से ग्रेड्स ग्रेड 6 से ग्रेड 17 तक के कोयले का मूल्य 13.40 से 329.61 रुपये प्रति टन घट जाएगा। इस कदम से पहले के एकसमान उपकर की जगह कोयला ग्रेडों पर 39.81 प्रतिशत की एकसमान कर व्यवस्था लागू हो गई है। पहले उपकर की विषमताओं के कारण कम गुणवत्ता के कोयले की लागत जैसे जी-11 गैर कोकिंग कोयले की लागत बढ़ गई थी। कोल इंडिया लिमिटेड ज्यादातर जी-11 गैर कोकिंग कोयले का उत्पादन करता है। जहां कर भार 65.85 प्रतिशत था जबकि उच्च ग्रेड जी 2 कोयले पर कर 35.64 प्रतिशत था।
जीएसटी परिषद् की 56वीं बैठक में कोयले पर जीएसटी की दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दी गई।