केंद्र सरकार ने बेंगलुरु और हैदराबाद में इस माह के अंत तक नये अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों में परिचालन शुरु होने के बाद इन शहरों के एचएएल और बेगमपेट हवाई अड्डों को बरकरार रखने से इनकार कर दिया है।
दो दिन पहले ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म पर बनी संसदीय स्थायी समिति ने एचएएल और बेगमपेट हवाई अड्डे को बरकरार रखने की सिफारिश की थी।
केंद्रीय नागर-विमानन सचिव अशोक चावला ने शुक्रवार को कहा कि इन हवाई अड्डों को बरकरार रखना सरकार के लिये संभव नहीं है क्योंकि बेंगलुरु और हैदराबाद में बनने वाले नये हवाई अड्डों के प्रर्वतकों से एक समझौता किया गया है जिसके तहत उन्हें बेंगलुरु और हैदराबाद की आकाशीय सीमा में पूर्ण अधिकार दिया गया है।
समझौते के अनुसार देवनहल्ली के निकट अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का परिचालन शुरु होते ही वर्तमान एचएएल हवाई अड्डे को 30 मार्च तक बंद कर दिया जाएगा।
एचएएल हवाई अड्डे के परिचालन को नियमित बनाये रखनेकी बेंगलुरु के एक वकील की याचिका की अवधि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 10 मार्च तक बढ़ा दी है। इसी प्रकार की एक याचिका हैदराबाद उच्च न्यायालय में भी दायर की गयी है।
उड़ान परीक्षणों के समय बेंगलुरु में मौजूद चावला ने संवाददाताओं से कहा कि हम याचिकाओं पर समझौते और नीतियों के अनुसार कार्रवाई करेंगे। हम दोनों हवाई अड्डों को बरकरार नहीं रख सकते हैं।
संसदीय स्थायी समिति की सिफारिशों पर चावला ने कहा कि सरकार समिति की सिफारिशों को देखेगी, फिर उसके अनुसार कोई कार्रवाई की जाएगी।
इसके पहले दिन में किंगफिशर एयरलाइंस,एयर डेक्कन और एयर फोर्स जिनके हवाई जहाजों को इस नये हवाई अड्डे से परिचालन करना है, ने परीक्षण के दौर में भाग लिया।
परीक्षण की शुरुआत सुबह 10 बजे किंगफिशर एयरलाइंस के मुंबई से आने वाले विमान की लैंडिग से हुई और उसके बाद डेक्कन एयरलाइंस का विमान एचएएल एयरपोर्ट से इस नये हवाई अड्डे पर उतरा।
किंगफिशर एयरलाइंस ने अंतरराष्ट्रीय आगमन प्रक्रिया का परीक्षण किया और उसके यात्रियों ने बोर्डिंग ब्रिज के जरिये टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश किया।
डेक्कन ने रिमोट पार्किंग बे का इस्तेमाल किया और घरेलू आगमन प्रक्रिया का अध्धयन किया।
करीब 400 लोगों ने परीक्षण में भाग लिया। सभी पहलुओं का गहराई से अध्धयन किया गया।
एयर इंडिया का विमान आगामी 30 मार्च की मध्य रात्रि को इस नये हवाई अड्डे से सिंगापुर के लिये उड़ान भरेगा।