वित्त वर्ष 2026 में अप्रैल-मई के दौरान सरकार का पूंजीगत व्यय पिछले साल के इन दोनों महीनों के मुकाबले 54 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले साल आम चुनाव के कारण इस दौरान पूंजीगत व्यय में कमी आई थी। लेखा महानियंत्रक (सीजीए) के आज जारी आंकड़ों से यह पता चला।
सीजीए के आंकड़ों से पता चलता है कि राजस्व के लिहाज से सरकार का कर 10 प्रतिशत बढ़ा है और रिजर्व बैंक के लाभांश के कारण गैर-कर राजस्व में साल भर पहले से 41.8 प्रतिशत वृद्धि हुई है। इक्रा रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘अगर प्राप्तियों को देखें तो इक्रा का मानना है कि सरकार वित्त वर्ष 2026 के दौरान पूंजीगत व्यय 80,000 करोड़ रुपये बढ़ा सकती है, जिससे पिछले साल की तुलना में पूंजीगत व्यय 14.2 प्रतिशत बढ़ जाएगा।’
रिजर्व बैंक से बजट अनुमान की तुलना में अधिक लाभांश मिलने के कारण अप्रैल-मई में राजकोषीय घाटा कम होकर 131.6 अरब रुपये या 2025-26 के बजट अनुमान का 0.8 प्रतिशत रह गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि वित्त वर्ष 2026 के पहले दो महीने में कुल मिलाकर राजकोषीय घाटा अप्रैल 1997 से अब तक के उपलब्ध मासिक राजकोषीय आंकड़ों की तुलना में सबसे कम है। ईवाई इंडिया में मुख्य नीतिगत सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा, ‘वित्त वर्ष के आने वाले महीनों में स्थिति धीरे-धीरे बदलेगी और अधिशेष आगे चलकर घाटे में बदल जाएगा। दूसरे प्रमुख राजकोषीय आंकड़े 2024-25 के वार्षिक प्रदर्शन से काफी अलग तस्वीर दिखा रहे हैं।’
चालू वित्त वर्ष के पहले 2 महीने में कुल राजस्व प्राप्तियां 7,07,339 करोड़ रुपये या बजट अनुमान की 20.7 प्रतिशत रही हैं, जबकि पिछले साल की समान अवधि में राजस्व प्राप्तियां बजट अनुमान की 18.2 प्रतिशत थीं। राजस्व प्राप्तियों में वित्त वर्ष 2026 में अप्रैल मई के दौरान गैर कर राजस्व बजट अनुमान का 61.1 प्रतिशत रहा, जो पिछले साल 46.1 प्रतिशत था। अप्रैल मई 2024-25 के दौरान व्यक्तिगत आयकर में 17 प्रतिशत वृद्धि हुई थी, जबकि इस बार अप्रैल-मई मे 6.4 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय उत्पाद शुल्क 2024-25 में 1.7 प्रतिशत कम हुआ था, इस बार 8.6 प्रतिशत बढ़ा है।
इस अवधि के दौरान ऋण से इतर पूंजीगत प्राप्तियां 25,000 करोड़ रुपये से अधिक रही हैं, जो बजट अनुमान से 33.2 प्रतिशत ज्यादा है। वहीं पिछले साल की समान अवधि में 2.7 प्रतिशत अधिक प्राप्ति हुई थी।
इंडिया रेटिंग्स में मुख्य अर्थशास्त्री देवेंद्र पंत ने कहा, ‘कर राजस्व बजट अनुमान की वृद्धि की तुलना में सुस्त है। गैर कर राजस्व और गैर ऋण पूंजीगत प्राप्तियों से कर राजस्व में सुस्ती की भरपाई हुई है।’