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केयर्न कराधान विवाद के मामले लेगी वापस

Last Updated- December 11, 2022 | 11:47 PM IST

केयर्न एनर्जी पीएलसी ने भारत सरकार को एक हलफनाम दिया है, जिसके तहत पिछली तिथि से कराधान मामलों को खत्म करने के लिए लागू नए नियमों के तहत वह कर विवाद से संबंधित सभी मुकदमे वापस ले लेगी। इससे कंपनी को करीब 7,900 करोड़ रुपये का रिफंड मिलेगा, जिसका उपयोग कंपनी अपने शेयरधारकों को विशेष लाभांश देने और शेयर पुनर्खरीद में करेगी।
कंपनी ने बयान में कहा, ‘केयर्न को घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि कंपनी ने भारत सरकार को हलफनामा दिया है कि वह नई कराधान योजना का लाभ उठाएगी। इसके तहत केयर्न अतीत में भारत में किए गए कर भुगतान का रिफंड प्राप्त कर सकेगी।’
बयान में कहा गया कि कुछ शर्तों के साथ केयर्न से जनवरी 2016 में की गई कर मांग का मामला खत्म हो सकता है और उसे 7,900 करोड़ रुपये का रिफंड मिलेगा।
आयकर कानून के अंतर्गत नए नियम से पिछली तिथि का कराधान मामला खत्म करने के लिए कंपनियों को सरकार को हलफनामा देना होगा कि वे सभी कानूनी मामलों को वापस लेंगी और सरकार से क्षतिपूर्ति, ब्याज तथा लागत आदि का कोई दावा नहीं करेंगी।
कराधान मामले से जुड़ी अपीली अदालतों, मध्यस्थता में सुनवाई को वापस लिया जाएगा और प्रवर्तन या सभी संपत्ति आदि को जब्त करने के आदेश को भी वापस लिया जाएगा।
केयर्न ने कहा कि इन शर्तों को पूरा करने के लिए वह आयकर कानून के 11 यूएफ (3) नियम के तहत जरूरी दस्तावेज दाखिल करेगी। इस नियम के तहत सभी लंबित मुकदमे वापस लेने, लागत, नुकसान और ब्याज का दावा नहीं करने का हलफनामा देना होता है।
कंपनी ने भारत के खिलाफ दिसंबर 2020 में 112 अरब डॉलर का मध्यस्थता आदेश जीता था।
कंपनी ने अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, सिंगापुर, मॉरीशस, फ्रांस और नीदरलैंड्स सहित कई देशों में मध्यस्थता आदेश को लागू कराने का मामला दायर किया था। इसने पेरिस में भारत सरकार की संपत्तियों को गिरवी रखने तथा एयर इंडिया (पहले सरकारी कंपनी थी) की संपत्तियों को जब्त करने की भी मांग की थी।

First Published - November 3, 2021 | 11:28 PM IST

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