भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौता करने की कोशिश में ब्रिटेन का एक प्रतिनिधिमंडल इस समय नई दिल्ली में शीर्ष भारतीय अधिकारियों से बातचीत कर रहा है। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल की अध्यक्षता प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के मुख्य आर्थिक सलाहकार डगलस मैक्नेल कर रहे हैं। हालांकि फिलहाल इस समझौते को अंतिम रूप देने की संभावना कम ही नजर आ रही है।
सप्ताह की शुरुआत में मैक्नेल ने प्रधानमंत्री कार्यालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ मुलाकात की। साथ ही वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ और वाणिज्य सचिव सुनील बड़थ्वाल से भी प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (FTA) और निवेश समझौते पर चर्चा हुई है। इस मामले से जुड़े दो लोगों ने यह जानकारी दी।
समझौते की संभावनाएं तेजी से कम हो रही हैं। एक महीने से कम समय में भारत में आम चुनाव के पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने वाली है।
इसका मतलब यह हुआ कि अगर बातचीत जल्द पूरी नहीं होती है तो यह भारत में होने जा रहे आम चुनाव के बाद तक के लिए टल जाएगी। उसके बाद यह अगली सरकार की प्राथमिकता पर निर्भर होगा। ब्रिटेन में भी 2024 की दूसरी छमाही में चुनाव होने की संभावना है।
उपरोक्त उल्लिखित एक अधिकारी ने कहा, ‘भारत के पास आदर्श आचार संहिता लागू होने तक का वक्त है। आचार संहिता लागू होते ही बातचीत रुक जाएगी।’ पिछले कुछ महीने में भारत और ब्रिटेन विवादास्पद मसलों को सुलझा नहीं पाए हैं और कुछ मसलों पर इनका कड़ा रुख बना हुआ है।
सूत्र ने कहा, ‘शीर्ष स्तर (दोनों देशों के) से दबाव है। दोनों पक्ष समझौते को इच्छुक हैं और बातचीत कर रहे हैं, लेकिन यह भी महसूस कर रहे हैं समझौते की गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं होना चाहिए।’
भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार वाणिज्य विभाग की संयुक्त सचिव निधि मणि त्रिपाठी हैं। वह बातचीत शुरू होने के वक्त से ही प्रभारी हैं।
दिलचस्प है कि उनका कार्यकाल इस महीने के आखिर में पूरा होने वाला है और उसके बाद वह लंदन में भारतीय दूतावास की उच्चायुक्त की भूमिका में पहुंच जाएंगी। वाणिज्य विभाग को अभी भारत ब्रिटेन एफटीए के नए मुख्य वार्ताकार के नाम की घोषणा करनी है। उम्मीद है कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के पहले तक वर्चुअल बातचीत फरवरी में भी जारी रहेगी।
भारत और ब्रिटेन के बीच बहुप्रतीक्षित व्यापार समझौते पर बाचतीत शुरू हुए 2 साल से ज्यादा हो चुके हैं। 13 जनवरी, 2022 को शुरू हुई बातचीत के बाद 14 दौर की बातचीत हो चुकी है। दोनों पक्ष कुछ विवादास्पद मसलों पर आम राय नहीं बना सके हैं।