बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी में पिछले साल नवंबर के बाद सबसे ज्यादा तेजी इसी महीने दर्ज की गई। अप्रैल में सेंसेक्स में 3.6 फीसदी और निफ्टी में 4.1 फीसदी उछाल देखी गई। वैश्विक निवेशकों का हौसला बढ़ने और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की लगातार खरीदारी से इस महीने बाजार में तेजी का अच्छा दौर देखा गया।
सेंसेक्स आज लगातार पांचवें दिन बढ़त पर बंद हुआ और 463 अंक उछलकर 61,000 के पार पहुंच गया। चार महीने के कमजोर प्रदर्शन के बाद इस महीने बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ है।
दिसंबर 2022 से मार्च 2023 के दौरान निफ्टी में करीब 7.5 फीसदी की गिरावट आई थी और वैश्विक बाजारों में इसका प्रदर्शन सबसे खराब रहा था। मगर गिरावट के कारण देसी शेयरों की कीमतें भी कुछ गिर गईं, जिससे उन्हें अपने वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के साथ मुकाबला करने में मदद मिली।
अप्रैल में भारतीय बाजार का प्रदर्शन अधिकतर बाजारों की तुलना में बेहतर रहा है। क्रेडिट सुइस प्राइवेट वेल्थ ने एक नोट में लिखा है, ‘हमें लगता है कि हाल में रेटिंग घटाए जाने के बाद भारतीय कंपनियों के शेयरों की कीमतें वाजिब हो गई हैं। मगर वैश्विक अनिश्चितता अभी बनी हुई है। ऐसे में निकट भविष्य में देसी शेयर सीमित दायरे में ही रहेंगे।’
नोट में आगे कहा गया है कि देसी शेयर बाजार में दूसरी छमाही के दौरान अच्छा सुधार आ सकता है क्योंकि वैश्विक वृद्धि के अनुमान कमजोर होने से प्रमुख केंद्रीय बैंक दर बढ़ोतरी का सिलसिला बंद कर सकते हैं। नियामकों ने विकसित देशों में आए बैंकिंग संकट से बचाव के विभिन्न उपाय किए हैं, जिनके बाद निवेशकों में जोखिम लेने का हौसला बढ़ा है।
इसीलिए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने लगातार दूसरे महीने 10,000 करोड़ रुपये का निवेश किया। महीने की शुरुआत में विदेशी निवेशकों ने खूब बिकवाली की थी। लेकिन सिलिकन वैली बैंक के धराशायी होने से घबराहट में हुई बिकवाली के बाद वैश्विक बाजार सुधरे हैं और निवेशकों ने शॉर्ट पोजिशन कवर कर ली हैं।
अवेंडस कैपिटल अल्टरनेट स्ट्रैटजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘विदेशी निवेशकों ने नरम रुख के साथ महीने की शुरुआत की थी, लेकिन बाजार में तेजी के साथ उन्होंने अपना निवेश बढ़ाया है। उभरते बाजारों में निवेश का प्रवाह बना रहेगा और यह भारत के लिए फायदेमंद होगा।’
शानदार वृद्धि दर के कारण भारत निवेशकों के लिए आकर्षक ठिकाना माना गया है। भारत में कंपनियों की कमाई में इजाफे का अनुमान भी मजबूत बना हुआ है।
विश्लेषकों का कहना है कि निफ्टी सूचकांक की कमाई अगले दो वित्त वर्षों के दौरान दो अंक में बढ़ सकती है। देसी कंपनियों की मजबूत बुनियाद को देखते हुए कमाई में कटौती की आशंका नहीं है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व अगले महीने मौद्रिक नीति की घोषणा करेगा, जिससे आगे बाजार को दिशा मिल सकती है।
हॉलैंड ने कहा, ‘बाजार में तेजी का अच्छा दौर देखा गया और अब इसमें थोड़ा विराम आ सकता है। उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व दर बढ़ोतरी पर रोक लगाएगा। बाजार आशान्वित है कि कुछ समय में दरों में कमी आनी शुरू हो सकती है।’