सरकार ने आज संसद से 2021-22 के बजट अनुमान की तुलना में 3.74 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च के लिए संसद से मंजूरी मांगी है, लेकिन खजाने पर इसका 2.99 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी द्वारा संसद में पेश की गई दूसरी पूरक अनुदान मांग के मुताबिक करीब 74,517.01 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च की भरपाई अन्य मदों में बचत से कर दी गई है।
अतिरिक्त व्यय का बड़ा हिस्सा एयर इंडिया असेट होल्डिंग कंपनी, उर्वरक सब्सिडी, निर्यात प्रोत्साहन, फूड वेयरहाउस और ग्रामीण रोजगार योजना के लिए था। इन 5 मदों में अतिरिक्त व्यय कुल पूरक मांग का 65 प्रतिशत और शुद्ध नकद प्रवाह का 81 प्रतिशत है।
पहले चरण में सरकार को 1.87 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय के लिए संसद से मंजूरी मिली थी, जिसमें नकद प्रïवाह 23,674.81 करोड़ रुपये शामिल है।
इस तरह से सरकार चालू वित्त वर्ष में बजट अनुमान से अतिरिक्त 3.23 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी।
इसकी वजह से विशेषज्ञों को यह कहने के लिए बाध्य होना पड़ा है कि सरकार जीडीपी के 6.8 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को तोड़ सकती है, भले ही वित्त वर्ष के शुरुआती 7 महीने में राजकोषीय अनुशासन रहा है।
अक्टूबर 2021 के अंत तक पूरे साल के व्यय के लक्ष्य की तुलना में 52 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है। इक्रा में मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि 2.99 लाख करोड़ रुपये पूरक मांग के लिए अन्य मांगों में बचत करनी पड़ेगी, जिससे राजकोषीय घाटे पर असर को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा, ‘ऐसा न कर पाने की स्थिति में राजकोषीय घाटा 15.1 लाख करोड़ रुपये के बजट अनुमान से निश्चित रूप से ज्यादा हो जाएगा, भले ही हमारा अनुमान है कि शुद्ध कर राजस्व और रिजर्व बैंक के अधिशेष हस्तांतरण को मिलाकर बजट अनुमान से ज्यादा हो जाएगा।’
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 22 में विनिवेश लक्ष्य का उल्लेखनीय हिस्सा मूर्त लेने की उम्मीद धूमिल दिख रही है और मौद्रिक नीति समिति द्वारा दरों में बढ़ोतरी की भी संभावना है, ऐसे में जी-सैक का मुनाफा बमुश्किल बढऩे की संभावना है। विनिवेश के 1.75 लाख करोड़ रुपये लक्ष्य में से अब तक 9,330 करोड़ रुपये का विनिवेश ही मूर्त रूप ले सका है। एलआईसी आईपीओ पर सरकार के लक्ष्य की उम्मीदें टिकी हैं।
पूरक के मुताबिक 62,057 करोड़ रुपये नागरिक उड्डयन मंत्रालय को एयर इंडिया असेट होल्डिंग कंपनी में इक्विटी डालने के लिए दिया जाएगा, जिससे एयर इंडिया की पिछली देनदारियां चुकाई जा सकें।
अक्टूबर में सरकार ने एयर इंडिया के लिए टाटा संस के साथ शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर किया था। कुल 18,000 करोड़ रुपये के इस सौदे में सस्ती सेवा प्रदाता एयर इंडिया एक्सप्रेस और ग्राउंड हैंडलिंग इकाई एआईएसएटीएस शामिल हैं। इस राशि में 2,700 करोड़ रुपये नकद भुगतान और कंपनी का 15,300 करोड़ रुे कर्ज को लेना शामिल है।
दस्तावेज के अनुसार उर्वरक सब्सिडी के तहत 58,430 करोड़ रुपये दिए जाएंगे जिसमें घरेलू एवं आयातित फास्फेट और पोटाश संबंधी उर्वरक के लिए 43,430 करोड़ रुपये और यूरिया सब्सिडी योजना के तहत 15 हजार करोड़ रुपये दिया जाएगा।
लंबित निर्यात प्रोत्साहन के भुगतान के लिए 53,123 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी फंड के लिए 22,038.99 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग को खाद्य भंडारण एवं गोदाम संबंधी विभिन्न योजना के खर्च को पूरा करने के लिए अतिरिक्त 49,805.25 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
वाणिज्य विभाग को सब्सिडी संबंधी व्यय को पूरा करने के लिए 2,400 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा रक्षा एवं गृह मंत्रालय के अतिरिक्त खर्च को पूरा करने के लिए क्रमश: 5,000 करोड़ रुपये और 4,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
