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जुर्माने से बचने के लिए आय की दोबारा गणना के लिए करें आवेदन

Last Updated- December 11, 2022 | 2:11 PM IST

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा पेश किया गया नियम 132, 1 अक्टूबर, 2022 से लागू हो गया है। यह धारा (section) 155 (18) के तहत आय की पुनर्गणना/दोबारा गणना (re-computation)  के लिए आवेदन से संबंधित है। सीबीडीटी ने फॉर्म 69 को भी नोटिफाई किया है जिसका उपयोग आय की दोबारा गणना को लेकर आवेदन करने के लिए किया जा सकता है।
एएसएल पार्टनर्स के मैनेजिंग पार्टनर अभिनय शर्मा कहते हैं, ‘वित्त अधिनियम 2022 (Finance Act 2022) में धारा 155 (18) शामिल की गई थी। असेसिंग ऑफिसर (AO) को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 40 (a) (ii) के तहत आने वाले असेसियों assesses की कुल आय की फिर से गणना करने की शक्ति दी गई है।

धारा 40 वैसी धनराशि /अमाउंट  (amounts) से संबंधित है जिन पर आयकर रिटर्न दाखिल करते समय बिजनेस या प्रोफेशन से हुए लाभ की गणना करते समय कटौती का फायदा नहीं लिया जा सकता है।

मुद्दा

इससे पहले, इस बारे में स्पष्टता की कमी थी कि क्या सेस या सरचार्ज को एक्सपेंडीचर के रूप में अनुमति दी जा सकती है। इस मामले पर विरोधाभासी कानूनी घोषणाएं मौजूद हैं।

 टैक्समैन के उप महाप्रबंधक नवीन वाधवा कहते हैं, विवाद का मुख्य मुद्दा यह था कि क्या सेस  को कर (tax) माना जाए और क्या सेस को भी अस्वीकार किया जाना चाहिए।"

धारा 155 में संशोधन से पहले, सेस या सरचार्ज के लिए भुगतान की गई राशि को एक व्यय (एक्सपेंडीचर) माना जाता था और असेसी  (assessee) इस पर कटौती का दावा करते थे। शर्मा आगे कहते हैं, ‘धारा 155 में उपधारा 18 को शामिल कर इस दावे को पूर्व तारीख/प्रभाव  (retrospective effect) से अस्वीकार कर दिया गया।’

सीबीडीटी ने 29 सितंबर, 2022 को एक अधिसूचना जारी की। मनीत पाल सिंह, पार्टनर, आई.पी. पसरीचा एंड कंपनी का कहना है, ‘अधिसूचना (notification) के अनुसार, असेसी सेस  या सरचार्ज पर कटौती के दावे की अनुमति के बिना पिछले वर्षों की अपनी कुल आय की पुनर्गणना के लिए आवेदन कर सकते हैं।’

जब इन कटौतियों (डिडक्शंस) की अनुमति नहीं है, तो इस बात की पूरी संभावना है कि पुनर्गणना के बाद असेसी की आय अधिक होगी। इस प्रकार गणना की गई अतिरिक्त आय को कम रिपोर्ट की गई आय माना जाएगा। पीएसएल एडवोकेट्स एंड सॉलिसिटर के मैनेजिंग पार्टनर समीर जैन कहते हैं, ‘असेसी को इस पर टैक्स देना होगा और साथ ही कम आय पर देय कर  (due tax) के 50 प्रतिशत के बराबर जुर्माना देना होगा।’

 राहत की बात
हालांकि, ऐसे असेसियों को राहत दी गई है। सीएनके के पार्टनर पल्लव प्रद्युम्न नारंग  कहते हैं, नए नियम के अनुसार, एक असेसी धारा 270 A (3) के बिना पेनाल्टी चुकाए, सेस या सरचार्ज की कटौती के दावे को रद्द करते हुए पिछले वर्ष की कुल आय की पुनर्गणना के लिए एक आवेदन प्रस्तुत कर सकता है।

पुनर्गणना के लिए आवेदन फॉर्म संख्या 69 का उपयोग करके 31 मार्च, 2023 को या उससे पहले जमा किया जाना चाहिए।

वाधवा कहते हैं,  आवेदन प्राप्त होने पर, असेसिंग ऑफिसर (AO) संबंधित आदेश में संशोधन करके कुल आय की फिर से गणना करेगा। फिर वह एक नोटिस जारी करेगा जिसमें तय समय सीमा के अंदर देय कर की राशि (यदि कोई हो)  के भुगतान को लेकर निर्देश होगा।

कर का भुगतान करने के बाद, असेसी को फॉर्म संख्या 70 में किए गए भुगतान का विवरण असेसिंग ऑफिसर के पास  प्रस्तुत करना होगा। यह भुगतान करने के 30 दिनों के भीतर किया जाना चाहिए।

उपरोक्त शर्तों को पूरा करने पर पहले के वर्षों में सेस या सरचार्ज पर डिडक्शन का दावा करने पर भी आपको दंडित नहीं किया जाएगा।

आपको क्या करना चाहिए

31 मार्च, 2023 की समय सीमा से पहले वित्त वर्ष 2004-05 (AY 2005-06) के लिए आय की पुनर्गणना को लेकर  आवेदन दें।

आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा कहते हैं, यदि असेसी के पास सेस या सरचार्ज की कटौती पर डिडक्शन के दावे को लेकर कोई लंबित मुकदमा है, तो वह कम रिपोर्ट की गई आय पर देय कर की राशि के 50 प्रतिशत के जुर्माने से बचने के लिए नियम 132 का उपयोग कर सकता है।’

फॉर्म 69 में उल्लिखित कुल आय, दाखिल किए गए आयकर रिटर्न के अनुसार नहीं होनी चाहिए। सुराना कहते हैं, ‘यह नवीनतम मूल्यांकन, पुनर्मूल्यांकन, या पुनर्गणना (latest assessment, reassessment, or re-computation) आदेश में उल्लिखित कुल आय होनी चाहिए, चाहे मामला जैसा भी हो।’
 यदि असेसी का निधन हो गया है, तो कानूनी उत्तराधिकारी द्वारा उसकी ओर से फॉर्म 69 दायर किया जा सकता है।

सिंह कहते हैं,  ‘स्वेच्छा से शिक्षा सेस या सरचार्ज के दावे को अस्वीकार करके कुल आय की पुनर्गणना के लिए अनुरोध करते हुए आगे आएं और  तय समय सीमा के अंदर उस पर देय राशि का भुगतान करें। इससे वे भारी जुर्माना भरने से बच सकेंगे।’

 

First Published - October 4, 2022 | 9:23 PM IST

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