केंद्रीय अप्रत्यक्ष एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सीमा शुल्क अधिनियम के तहत गिरफ्तारी के लिए मौद्रिक सीमा, अभियोजन और जमानत संबंधी दिशानिर्देशों को संशोधित किया है। इस अप्रत्यक्ष कर निकाय ने 16 अगस्त को जारी किए अपने परिपत्र में विस्तार से बताया है कि किन किन मामलों में सीमा शुल्क नियमों के उल्लंघन में गिरफ्तारी हो सकती है।
मसलन सोने जैसे उच्च मूल्य के सामान की तस्करी और सामान के अनधिकृत आयात, जिसकी बाजार में कीमत 50 लाख रुपये से अधिक है, उनमें अभियोजन और गिरफ्तारी हो सकती है। दो करोड़ रुपये या उससे अधिक के सामान की गलत घोषणा या शुल्क वंचना के मामले भी इसी तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। यदि माल के निर्यात में धोखाधड़ी से शुल्क वापसी या शुल्क में छूट की राशि दो करोड़ रुपये से अधिक है तो भी गिरफ्तारी होगी। सीबीआईसी ने बताया, ‘ अधिनियम (सीमा शुल्क) गिरफ्तारी के लिए कोई अधिकतम मूल्य सीमा निर्दिष्ट नहीं करता है, लेकिन यह स्पष्ट किया जाता है कि किसी अपराध के लिए गिरफ्तारी केवल असाधारण परिस्थितियों में ही प्रभावी होनी चाहिए।‘
सीबीआईसी ने बताया कि हालांकि मूल्य की उक्त सीमा गोला-बारूद, प्राचीन वस्तुएं, कला खजाने, वन्य जीव और विलुप्तप्राय प्रजातियों जैसी कुछ वस्तुओं पर लागू नहीं होंगी। ऐसे मामलों में यदि आवश्यक हो तो उसके तथ्य और परिस्थितियों के आधार पर ही गिरफ्तारी पर विचार किया जा सकता है, भले ही इसमें शामिल आपत्तिजनक सामान की कीमत कुछ भी हो।