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पिछले साल के बराबर रहेगा कृषि निर्यात

सरकार खुला बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए अपने बफर स्टॉक से गेहूं और चावल बेच रही है।

Last Updated- December 21, 2023 | 11:39 PM IST
sugarcane price rise

चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत का कृषि निर्यात पिछले साल के स्तर पर बना रह सकता है। कुछ प्रमुख कृषि उत्पादों के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बावजूद कृषि निर्यात पिछले साल के स्तर 53 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है। भारत ने गेहूं, गैर बासमती चावल, चीनी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।

सरकार ने कीमतों पर नियंत्रण के लिए खुले बाजार में 3.46 लाख टन गेहूं, 13,164 टन चावल बेचा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में देश का कृषि उत्पादों का निर्यात 53 अरब डॉलर रहा था।

वाणिज्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव राजेश अग्रवाल ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘कुछ जिंसों के निर्यात पर पाबंदियां लगाए जाने से 4.5 से पांच अरब डॉलर का असर पड़ सकता है। इसके बावजूद हम उम्मीद करते हैं कि हम पिछले स्तर तक पहुंच जाएंगे।’

सरकार ने पिछले कुछ महीनों में घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए गेहूं और गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर रोक लगाई है। इसके अलावा चीनी निर्यात पर भी कुछ बंदिशें लगाई गई हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार केले जैसे नए उत्पादों और मोटे अनाज से बने मूल्यवर्द्धित उत्पादों को नए वैश्विक गंतव्यों तक पहुंचाने के लिए निर्यात प्रोत्साहन दे रही है।

अग्रवाल ने कहा, ‘अगले तीन साल में हम केला निर्यात एक अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं।’ चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर के दौरान फलों एवं सब्जियों, दालों, मांस, डेयरी एवं पॉल्ट्री उत्पादों के निर्यात की वृद्धि दर अच्छी रही है। हालांकि, चावल निर्यात 7.65 प्रतिशत घटकर 6.5 अरब डॉलर पर आ गया।

वहीं दूसरी ओर सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ाने और खुदरा कीमतों को नियंत्रित करने के अपने प्रयासों के तहत थोक उपभोक्ताओं को ई-नीलामी के माध्यम से 3.46 लाख टन गेहूं और 13,164 टन चावल बेचा है।

सरकार खुला बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत खुदरा कीमतों को नियंत्रण में रखने के लिए अपने बफर स्टॉक से गेहूं और चावल बेच रही है। खाद्यान्न खरीद और वितरण के लिए सरकार की नोडल एजेंसी भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ई-नीलामी कर रही है। केंद्र ने मार्च, 2024 तक ओएमएसएस के लिए 101.5 लाख टन गेहूं आवंटित किया है।

एक सरकारी बयान में कहा गया है, ‘26वीं ई-नीलामी 20 दिसंबर को आयोजित की गई थी, जिसमें चार लाख टन गेहूं और 1.93 लाख टन चावल की पेशकश की गई थी। ई-नीलामी में, 3.46 लाख टन गेहूं और 13,164 टन चावल – क्रमश: 2,178.24 रुपये प्रति क्विंटल और 2905.40 रुपये प्रति क्विंटल के भारित औसत पर बेचा गया था।’

First Published - December 21, 2023 | 11:32 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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