संयुक्त अरब अमीरात के साथ कारोबार, निवेश, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान प्रदान बढ़ाने के लिए भारत सरकार ने दोनों देशों के बीच हवाई सेवा समझौते को मंजूरी दे दी।
इस समझौते के जरिए दोनों देशों के बीच कितनी भी उड़ानें भरी जा सकेंगी और दोनों ही देश एक दूसरे के साथ कारोबार समझौता और कोड शेयरिंग कर सकेंगे। इस समझौते पर जल्द ही हस्ताक्षर किया जाएगा।
इस समझौते को लेकर दोनों देशों के बीच इस साल फरवरी में चर्चा की गई थी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार यह नया समझौता मौजूदा हवाई सेवा समझौते (एएसए) की जगह लेगा जिस पर भारत और यूएई ने 21 मार्च 1989 को हस्ताक्षर किए थे।
इस बयान में बताया गया है कि मौजूदा एएसए आधुनिक नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) टेम्पलेट पर आधारित है। केंद्रीय मंत्रालय ने भारत-अरब सहयोग मंच के गठन के जरिए दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी दे दी है।
बयान में कहा गया है कि इस समझौते से भारत और अरब देशों में बीच संबंधों में मधुरता आएगी। इसके अलावा मंत्रिमंडल ने रेलवे मंत्रालय द्वारा संसद के दोनों सदनों में रेलवे कनवेंशन कमिटी (2004) की नौंवी रिपोर्ट को पेश करने की भी मंजूरी दे दी।
इस बयान में कहा गया है कि, ‘रेलवे मंत्रालय इसके जरिए रेलवे कनवेंशन कमिटी के सुझावों को लागू कर सकेगा।’
काकतिया परियोजना का प्रस्ताव मंजूर
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी (सीसीईए) ने सिंगरेणी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड की काकतिया लांगवाल परियोजना को मंजूरी दे दी।
आंध्र प्रदेश के वारंगल जिले की इस परियोजना के जरिए आंध्र प्रदेश ऊर्जा उत्पादन निगम और दूसरी इकाइयों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा। इस परियोजना के लिए 453.63 करोड़ रुपये की पूंजी की आवश्यकता होगी।
कंपनी ने उक्त परियोजना पर कुल 620.03 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है।सीसीईए ने मंजूर लागत अनुमान के भीतर परियोजना को लागू करने में लचीलापन के लिए भी अपनी मंजूरी प्रदान की है।