कार्पोरेट सेक्टर से मिलने वाले अग्रिम कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2007-08 की चौथी तिमाही में इस बढ़ोतरी को देखते हुए विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक वृध्दि दर में कमी आने के बावजूद कार्पोरेट सेक्टर के मुनाफे पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ा है।
अग्रिम कर संग्रह के हाल के आंकड़ों के मुताबिक 15 मार्च से लेकर साल की अंतिम तिमाही तक देश में कुल संचय 50,000 करोड़ रुपये के करीब है। इसका भुगतान कंपनी अपने लाभ के आंतरिक आंकड़ों के आधार पर करती है। कंपनियों को चार किश्तों में कर का भुगतान करना होता है। हर साल 15 मार्च इसकी अंतिम तिथि होती है। वित्त मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि प्रत्यक्ष करों में बढ़ोतरी के आंकड़ों के साथ-साथ ही अग्रिम कर भी चल रहा है।
इसमें इस वित्तीय वर्ष में 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।अग्रिम कर का भुगतान करने वाली टाप-10 कंपनियों में पहला स्थान सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी ओएनजीसी का है। उसने 2800 करोड़ रुपये का अग्रिम कर का भुगतान किया। हालांकि इसके अग्रिम कर भुगतान में 25 प्रतिशत की कमी आई है। इसके बावजूद कंपनी पहले स्थान पर बनी हुई है।
बहरहाल तेल क्षेत्र की एक और सार्वजनिक कंपनी इंडियन आयल ने करीब 1140 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया है। इसके अनुमानों में पहले की तुलना में करीब दोगुने की बढ़ोतरी दिखाई गई है। अग्रिम कर भुगतान के आंकड़ों पर गौर करें तो दो कंपनियों में अधिकतम बढ़ोतरी देखी गई। वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी एचडीएफसी ने अपने भुगतान में तीन गुने से भी ज्यादा बढ़ोतरी की है।
वहीं परर् कई क्षेत्रों में सक्रिय रिलायंस इंडस्ट्रीज के अग्रिम कर भुगतान में करीब तीन गुने की बढ़ोतरी हुई है।आईसीआईसीआई बैंक ने 250 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि आलोच्य तिमाही में कंपनी ने मात्र 125 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। हालांकि टाटा स्टील का अग्रिम कर भुगतान करीब 300 करोड़ रुपये कम हुआ है। इसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। टाटा मोटर्स के भी अग्रिम कर भुगतान में गिरावट आई है।
इस साल कंपनी ने 75 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, जबकि आलोच्य तिमाही में कंपनी ने 190 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।मुंबई परमपरागत रूप से देश का सबसे बड़ा कर भुगतान करने वाला केंद्र रहा है। यहां पर टाप 100 कंपनियों के अग्रिम कर भुगतान में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। सूत्रों का कहना है कि अग्रिम कर भुगतान के आंकड़ों पर गौर करें तो स्पष्ट होता है कि बैंक, हॉस्पिटेलिटी और साफ्टवेयर क्षेत्र बेहतर काम कर रहे हैं। वहीं आटोमोबाइल और सीमेंट क्षेत्र इनसे पीछे छूट गए हैं।