facebookmetapixel
Editorial: वोडाफोन आइडिया के एजीआर संकट पर समाधान की उम्मीद, समान नीति की मांग तेजबजट 2026 में राजकोषीय अनुशासन और विकास के बीच संतुलन जरूरीतकनीकी दिग्गजों ने भारतीय यूजर्स से कमाए अरबों डॉलर, इसे देश में ही रोकने की जरूरतबांग्लादेश में विशेष न्यायाधिकरण ने शेख हसीना को दी मौत की सजा, हिंसक दमन का ‘प्रमुख सूत्रधार’ बतायाबिहार: नीतीश के हाथ में ही रहेगी कमान, जदयू-भाजपा गठबंधन में मंत्री पदों का बंटवारा तयआईटी शेयरों पर फंड मैनेजरों की दो राय, गिरावट के बाद अब रिकवरी की बढ़ीं उम्मीदेंBihar Election Analysis: बिहार में दोबारा जीत का ट्रेंड मजबूत, BJP-JDU की सीटों पर वोट प्रतिशत भी बढ़ाअगले 3 से 5 साल में निवेशकों की संख्या हो सकती है दोगुनी, SEBI चेयरमैन ने जताई उम्मीदIPO लंबी अवधि की पूंजी नहीं जुटा रहे, सिर्फ शुरुआती निवेशकों का एग्जिट बन रहे: CEA नागेश्वरनव्यापार घाटे की खाई हुई और चौड़ी: अक्टूबर में निर्यात 11.8% घटा, ट्रेड डेफिसिट बढ़कर 41.68 अरब डॉलर पर

7 राज्यों को अतिरिक्त उधारी की अनुमति

Last Updated- December 11, 2022 | 11:34 PM IST

केंद्र सरकार ने 7 राज्यों को 16,691 करोड़ रुपये अतिरिक्त उधारी की अनुमति दे दी है। वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने कहा कि चल रहे वित्त वर्ष की पहली छमाही में पूंजीगत व्यय का लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों को यह सुविधा दी गई है।
छत्तीसगढ़, केरल, मध्य प्रदेश, मेघालय, पंजाब, राजस्थान और तेलंगाना ने वित्त वर्ष 22 में जुलाई-सितंबर तक कुल पूंजी का 45 प्रतिशत खर्च करने का लक्ष्य हासिल कर लिया है।
राज्यों को वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के 4 प्रतिशत तक कुल उधारी की अनुमति है और बढ़े पूंजीगत व्यय पर जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत उधारी लेने की छूट दी गई है। सभी राज्यों को 5.79 लाख करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय का लक्ष्य तय किया गया था और अगर उनका पूंजीगत व्यय इस लक्ष्य से ऊपर जाता है तो वे वित्त वर्ष 2021-22 में तय की गई 8.46 लाख करोड़ रुपये की उधारी सीमा से अतिरिक्त 1.05 लाख करोड़ रुपये उधारी के पात्र होंगे।
राज्यों को पहली तिमाही के अंत तक पूरे साल के लक्ष्य का कम से कम 15 प्रतिशत, दूसरी तिमाही के अंत तक 45 प्रतिशत और तीसरी तिमाही के अंत तक 70 प्रतिशत और 31 मार्च, 2022 तक 100 प्रतिशत खर्च करने का लक्ष्य दिया गया है।
इसके पहले केंद्र ने सितंबर,2021 में राज्यों के पूंजीगत व्यय की समीक्षाा की थी और 15,721 करोड़ रुपये अतिरिक्त उधारी की अनुमति दी थी, जो 11 राज्यों को लक्ष्य पूरा करने पर दिया गया था। पूंजीगत व्यय की दो दौर की समीक्षा के बाद 32,412 करोड़ रुपये कुल अतिरिक्त उधारी की अनुमति दी गई है।
पूंजीगत व्यय की तीसरी समीक्षा मार्च, 2022 में अप्रैल-दिसंबर में राज्यों की ओर से किए गए खर्च के आधार पर होगी। पूंजीगत व्यय से जुड़ी उधारी की सीमा जीएसडीपी का 0.50 प्रतिशत है, जिसकी अनुमति उन राज्यों को मिलेगी, जो पूंजीगत व्यय के दिए गए वास्तविक लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
राज्यों के साथ बैठक
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों, वित्त मंत्रियों के साथ बैठक करेंगी।  इस बैठक में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद करने के लिए निजी निवेश को आकर्षित करने के उपायों पर चर्चा की जाएगी।
सोमनाथन ने कहा, ‘भारत को टिकाऊ उच्च वृद्धि की राह पर ले जाने के लिए कुछ चीजों पर जोर दिए जाने की जरूरत है और दरअसल वह राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता है।’
वित्त सचिव टीवी सोमनाथन ने बताया कि यह बैठक कोविड-19 की दो लहरों के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार और केंद्र सरकार के पूंजी व्यय में जोर को ध्यान में रखते हुए बुलाई गई है। उन्होंने कहा, ‘भारत निवेश के लिए आकर्षक स्थान बनता जा रहा है, निजी क्षेत्र से सकारात्मक प्रतिक्रिया आ रही है। साथ ही भू-राजनीतिक घटनाक्रम भी भारत के पक्ष में हैं।’
आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने शुक्रवार को बताया कि बैठक के दौरान निजी निवेश आकर्षित करने के लिए भूमि, जल से जुड़े नियमों को सुगम बनाने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका मकस है कि केंद्र  ही नहीं, राज्यों को भी वक्त का उपयोग करना है।

First Published - November 13, 2021 | 12:37 AM IST

संबंधित पोस्ट