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सर्व शिक्षा अभियान को विश्व बैंक की ओर से 60 करोड़ डॉलर का ऋण

Last Updated- December 07, 2022 | 12:00 AM IST

भारत के सर्व शिक्षा अभियान को बढ़ावा देने के लिए विश्व बैंक ने 60 करोड़ अमेरिकी डॉलर यानी 2400 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी है।


सरकार ने इस योजना को 6 से 14 साल के बच्चों को गुणवक्ता युक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए तैयार किया था। विश्व बैंक ने ‘द्वितीय अनिवार्य शिक्षा परियोजना’ के तहत इस ऋण को मंजूरी दी है।

यह ऋण विश्व बैंक की शाखा अंतरराष्ट्रीय विकास एसोसिएशन(आईडीए) की ओर से 35 वर्षों के लिए दिया जा रहा है। ऋण के लिए 10 सालों का ग्रेस पीरियड भी है। इस कार्यक्रम के तहत उन बच्चों तक शिक्षा का प्रसार किया जाता है, जो अभी तक स्कूली शिक्षा से वंचित रह गए हों।

परियोजना के तहत बच्चों के स्कूली शिक्षा के साथ-साथ व्यक्तित्व विकास पर भी जोर दिया जाता है। परियोजना के तहत इस बात पर नजर रखी जाएगी कि शिक्षा के नतीजे क्या निकल कर सामने आए हैं। साथ ही शिक्षा शोध के क्षेत्र में भी विश्व बैंक मदद पहुंचाएगा।

विश्व बैंक का मानना है कि भारत ने शिक्षा को सुलभ और हर किसी के लिए आसान पहुंच वाला बनाने के लिए काफी प्रयास किए हैं। भारत ने 2002 में 86वें संविधान संशोधन के जरिए प्राथमिक शिक्षा को हर बच्चे का मौलिक अधिकार घोषित किया था। इन्हीं प्रयासों का नतीजा है कि 2003 और 2005 के बीच स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों की संख्या 2.5 करोड़ से घटकर 1.34 करोड़ रह गई।

पहले जहां मध्य विद्यालयों तक की शिक्षा प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी कम हुआ करती थी, वहीं 2002 की तुलना में 2006 में ऐसे विद्यार्थियों की संख्या बढ़ने लगी जो प्राथमिक विद्यालयों तक पहुंचने लगे। इनकी संख्या 2002 के 75 फीसदी से बढ़कर 2006 में 83 फीसदी हो गई।

विश्व बैंक ने कहा कि, ‘पहले जहां कम ही लड़कियां स्कूली शिक्षा प्राप्त करती थीं, अब इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। साथ ही आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के बच्चे भी स्कूली शिक्षा के लिए कदम बढ़ाने लगे। भारत में इनकी संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है।’ ऐसे क्षेत्रों में जहां शिक्षा की उपलब्धता आसान नहीं हो, वहां प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए बुनियादी संरचनाएं उपलब्ध कराने की योजना है। साथ ही शिक्षकों की कमी पूरी की जाएगी और बच्चों के लिए मुफ्त किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी।

First Published - May 16, 2008 | 11:51 PM IST

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