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2009 में गहराएगी 2008 की टीस!

Last Updated- December 23, 2008 | 11:35 PM IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद विरमानी ने कहा कि आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के कारण चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा बढ़कर जीडीपी का कम से कम 5 प्रतिशत हो जाएगा।


उन्होंने कहा कि इस तरह से भारत अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकेगा। अर्थव्यवस्था की मध्यावधि समीक्षा के बाद उन्होंने कहा कि इस साल हम पहले ही एक अच्छा प्रोत्साहन पैकेज ला चुके हैं। इससे दो प्रतिशत राजकोषीय घाटा बढ़ेगा।

सरकार ने बजट में राजकोषीय घाटे को चालू वित्त वर्ष में घटाकर जीडीपी का 2.5 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा था। सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में 42,480 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय को हाल ही में मंजूरी दी है।

इसमें उद्योग जगत को गति देने के लिए 20,000 करोड़ रुपये का आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज भी शामिल है। सरकार ने पूरक अनुदान मांगों के रूप में संसद से 1,47,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त की मांग की है।

मुद्रास्फीति के बारे में विरमानी ने कहा कि यह पूरी तरह से नियंत्रण में हैं और इस वित्त वर्ष में 5 प्रतिशत के स्तर पर आ जाएगी। उल्लेखनीय है कि 6 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में मुद्रास्फीति दर 6.84 प्रतिशत रही।

First Published - December 23, 2008 | 11:35 PM IST

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