इंस्टीट्यूट आफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स आफ इंडिया (आईसीएआई) ने कहा है कि वह कंपनी मामलों के मंत्रालय के साथ मिलकर अनुशासन व्यवस्था से जुड़े नियम और कानून पर काम कर रहा है, जिसे अभी अधिसूचित किया जाना है।
आईसीएआई ने अनुशासन समिति में गैर सीए सदस्यों को शामिल किए जाने का विरोध किया है, वहीं इसके अध्यक्ष अनिकेत सुनील तलाटी ने संवाददाताओं से कहा, ‘कोई आपत्ति नहीं है। यह एक अधिनियम है, इसलिए यह हकीकत है और हम परिपक्व पेशेवरों की तरह इसे स्वीकार करते हैं।’
तलाटी ने कहा कि आईसीएआईका इस मसले पर विचार था कि अगर अनुशासन समिति में ज्यादातर सदस्य अकाउंटिंग समुदाय के होंगे तो इससे जमीनी हकीकतों को लेकर ज्यादा सही समझ बन सकेगी। उन्होंने कहा, ‘ये तकनीकी मसले हैं, जो बहुत ज्यादा जटिल प्रकृति के हैं। ऐसे में हमारा विचार है कि अगर ऐसे सदस्यों का बहुमत होगा तो इससे तेजी से न्याय मिल पाने में मदद मिलेगी।’
सीए की अनुशासन समिति में 5 सदस्य हैं। इसमें 3 आईसीएआई की केंद्रीय परिषद के सदस्यों में से और 2 सरकार द्वारा नामित होंगे। नए अधिनियम में 2 सीएऔर 2 गैर सीए का प्रस्ताव किया गया है। अधिनियम में कहा गया है कि समिति का अध्यक्ष गैर सीए होगा।
आईसीएआई ने 2007 से 31 मार्च 2023 तक 6766 मामले पंजीकृत किए हैं, जिसमें से 63 प्रतिशत यानी 4,249 मामले निपटाए गए हैं।
आईसीएआई के अध्यक्ष ने कहा, ‘हमने पुराने लंबित मामलों की संख्या घटाई है। ऐसे में आप कोई ऐसा मामला नहीं पाएंगे, जो 4 या 5 साल से ज्यादा वक्त से लंबित हो।’
ऑडिट की गुणवत्ता
तलाटी ने यह भी कहा कि आईसीएआई अकाउंटिंग और ऑडिटिंग कम्युनिटी को लेकर नकारात्मक अवधारणा को खत्म करने पर सक्रियता से काम कर रहा है। ऑडिट क्वालिटी मेच्योरिटी मॉडल से ऑडिट फर्मों का खुद का मूल्यांकन 1 अप्रैल 2023 से शुरू हो गया है, संस्थान ने समीक्षा का काम 3 महीने टालकर जुलाई 2023 से लागू करने का फैसला किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि इंस्टीट्यूट ने ब्रिटेन और कनाडा के साथ विदेश व्यापार समझौतों पर भी अपनी राय दी है।