भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र दुविधाग्रस्त है, क्योंकि उसकी सबसे प्रसिद्ध वेंचर कैपिटल फर्म – सिकोया कैपिटल ने खुद को तीन कंपनियों में विभाजित करने की घोषणा की। इसके परिणामस्वरूप फर्म के भारतीय और दक्षिण पूर्व एशिया के कारोबार को पीक 15 पार्टनर्स ब्रांड के रूप में फिर से पेश किया गया है। अचानक हुई इस रीब्रांडिंग के बाद पीक 15 पार्टनर्स के प्रबंध निदेशक शैलेंद्र सिंह ने ईमेल पर एक बातीचत में बिजनेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब दिए। संपादित अंश:
सिकोया ऐसे समय में भारत से बाहर क्यों निकल रही है, जब देश में स्टार्टअप तंत्र बढ़ रहा है? यह बात केवल ब्रांडिंग कवायद की तरह नहीं दिख रही है।
वर्ष 2022 में भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए जुटाए गए 2.85 अरब डॉलर के फंड के तहत हमारे पास निवेश के लिए 2.5 अरब डॉलर की राशि है। इसलिए भारत और दक्षिण पूर्व एशिया के लिए जुटाई गई पूरी पूंजी के साथ-साथ 400 से अधिक कंपनियों का हमारा पोर्टफोलियो बचा हुआ है। यह एक रीब्रांड है।
सिकोइया इंडिया और साउथईस्ट एशिया अब पीक 15 पार्टनर्स है। हम बाजार के रूप में भारत और दक्षिण पूर्व एशिया को लेकर बहुत उत्साहित हैं तथा हम दृढ़ता के साथ विकास करेंगे।
क्या कंपनियों (जिनमें आपका निवेश) के संस्थापकों ने इस विभाजन के बाद आपसे संपर्क किया है? आप उनकी चिंताओं का समाधान किस तरह कर रहे हैं?
हम पूरे निदेशक मंडल में अपने संस्थापकों के साथ सक्रिय रूप से संवाद कर रहे हैं। हम सैकड़ों संस्थापकों द्वारा उत्साह और समर्थन व्यक्त करते हुए भेजे गए बधाई संदेशों से अभिभूत हैं।
यह दर्शाता है कि पिछले 17 वर्षों के दौरान हमने उनके साथ जो काम किया है, उसके लिए संस्थापक हमारी सराहना करते हैं। यह हमारे द्वारा अर्जित किया हुआ ब्रांड है। हमारा प्रदर्शन और पिछला रिकॉर्ड हमारा अर्जित ब्रांड है। सर्ज, जो प्रारंभिक चरण के संस्थापकों के लिए संस्थापकों पर केंद्रित अनूठा कार्यक्रम है, उसका अब कई शहरों और देशों में विशाल समुदाय है। स्पार्क महिला संस्थापकों के लिए ‘उद्योग-प्रथम’ फेलोशिप कार्यक्रम है। ये भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में हमारे द्वारा शुरू की गई बहुत पसंद की जाने वाली और सराहना पाने वाली पहल हैं। हम अपने संस्थापकों की साझेदारी और भरोसे के लिए बहुत आभारी हैं।
सिकोया के पोर्टफोलियो के भीतर बहुत सारे स्टार्टअप्स के पास सीमा-पार कारोबार वाला प्रारूप है। क्या यह निवेश हासिल करने वाली फर्मों के लिए फायदे की स्थिति नहीं है क्योंकि वे ऐसी फर्मों तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं, जो उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर सकती हैं या यहां तक कि
संभावित विलय और अधिग्रहण के अवसरों की ओर ले जा सकती हैं?
स्वाभाविक रूप से संस्थापक अपनी कंपनियों की जमकर सुरक्षा करते हैं, साथ ही वे प्रतिस्पर्धी भी होते हैं। कई बार वास्तविक प्रतिस्पर्धा से अधिक संस्थापकों के दिमाग में दिखने वाली प्रतिस्पर्धा के परिणामस्वरूप पोर्टफोलियो का टकराव होता है। उदाहरण के लिए हो सकता है कि अमेरिका में भुगतान स्टार्टअप के मामले में यह जरूरी न हो कि वह इंडोनेशिया में भुगतान स्टार्टअप के साथ प्रतिस्पर्धा न करे, लेकिन अगर सिकोया इंडिया/एसईए आगे बढ़ना चाहे और इंडोनेशिया में निवेश करना चाहे, तो अमेरिकी संस्थापक परेशान हो जाएंगे।
क्या सिकोया कैपिटल के साथ कोई गैर-प्रतिस्पर्धी शर्त है? अगर नहीं, तो क्या इसका अर्थ यह होगा कि 15 और सिकोया एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं? और रकम जुटाने की रणनीति, क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने तथा टीम के आकार के संबंध में इस रीब्रांडिंग से क्या बदलाव हो रहा है?
सिकोया कैपिटल के साथ किसी गैर-प्रतिस्पर्धा पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं। हमारी निवेश रणनीति, किसी क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने और टीम के आकार में कोई बदलाव नहीं होगा। वास्तव में अब हमारे पास एक स्वतंत्र कंपनी के रूप में अधिक लचीलापन है। संरचना में बदलाव का मतलब यह है कि हमारे पास सीमा रहित वैश्विक अवसर है, जो हमें अपने संस्थापकों और एलपी के लिए अधिक से अधिक मूल्य हासिल करने की अनुमति देगा।
अब तक किए गए सभी निवेशों का क्या होगा? क्या सिकोया को कोई लाभ-हिस्सेदारी मिलेगी?
400 से अधिक कंपनियों में निवेश करने वाले 13 फंडों में हमारे पास प्रबंधनाधीन नौ अरब डॉलर की परिसंपत्ति है। यह बनी रहेगी। लाभ-साझेदारी समझौता समाप्त किया जा रहा है।
एलपी की प्रतिबद्धताओं का क्या होगा? 15 के फंड का आकार क्या होगा?
फंड के आकार या एलपी प्रतिबद्धताओं में कोई बदलाव नहीं होगा।।