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हम ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं, बराबरी चाहते हैं : पीयूष गोयल

उन्होंने कहा कि सरकार न केवल विदेशी निवेश आकर्षित करना चाहती है, बल्कि ग्राहकों के साथ-साथ वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं के लिए ‘बराबरी’ और ‘ईमानदारी’ भी चाहती है।

Last Updated- August 22, 2024 | 9:22 PM IST
Piyush Goyal

एमेजॉन पर बेहद कम कीमत में सामान बेचने की तीखी टिप्पणी करने के एक दिन बाद वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आज अपना रुख नरम किया और कहा कि सरकार ई-कॉमर्स के खिलाफ नहीं है और वह केवल ऑनलाइन तथा ऑफलाइन कारोबारों के बीच उचित प्रतिस्पर्धा चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल विदेशी निवेश आकर्षित करना चाहती है, बल्कि ग्राहकों के साथ-साथ वस्तुओं और सेवाओं के आपूर्तिकर्ताओं के लिए ‘बराबरी’ और ‘ईमानदारी’ भी चाहती है।

गोयल ने मुंबई में उद्योग के एक कार्यक्रम में कहा, ‘हमारा रुख स्पष्ट है कि हम एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) आमंत्रित करना चाहते हैं, हम प्रौद्योगिकी को आमंत्रित करना चाहते हैं, हम दुनिया की बेहरीन चीजें चाहते हैं और हम ऑनलाइन के बिल्कुल भी खिलाफ नहीं हैं। ऑनलाइन ई-कॉमर्स के जबरदस्त फायदे हैं। इसमें सुविधा, रफ्तार का लाभ है। यह आपको अपने घरों में सुविधा मुहैया कर रहा है। इसके कई लाभ हैं।’

इसके उलट बुधवार को मंत्री ने कहा था कि ई-कॉमर्स क्षेत्र का तेजी से विकास गर्व की बात नहीं बल्कि चिंता का विषय है क्योंकि इससे पारंपरिक खुदरा क्षेत्र में रोजगार में कमी आ सकती है। उनके अनुसार ई-कॉमर्स उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स और परिधान जैसे अ​धिक मार्जिन वाले उत्पादों को रियायती दरों पर उपलब्ध कराते हुए छोटे खुदरा विक्रेताओं की हिस्सेदारी को हड़प रहा है।

उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स महत्वपूर्ण है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इस क्षेत्र के लाभ और नुकसान को देखते हुए इस संबंध में ‘सावधानी से सोचने’ की आवश्यकता है कि ‘अधिक संगठित’ तरीके से यह क्षेत्र क्या भूमिका निभा सकता है। गोयल ने एमेजॉन जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की निवेश रणनीतियों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि पेशेवरों और शीर्ष वकीलों को भारी-भर​कम भुगतान के कारण होने वाले उनके नुकसान की भरपाई नए निवेशों से होती है।
बुधवार को मंत्री की टिप्पणियों ने काफी ध्यान आकर्षित किया था, यह देखते हुए कि देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र में विशेष रूप से पिछले चार-पांच वर्षों के दौरान तेजी से विकास देखा गया है।

‘पहले इंडिया फाउंडेशन’ की रिपोर्ट ‘भारत में रोजगार और उपभोक्ता कल्याण पर ई-कॉमर्स का शुद्ध प्रभाव’ के अनुसार भारत का ई-कॉमर्स क्षेत्र साल 2018 से 2030 तक 27 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) की दर से बढ़ रहा है। रिपोर्ट में रोजगार पर ई-कॉमर्स के महत्वपूर्ण योगदान पर भी प्रकाश डाला गया है, जिसमें पाया गया कि ई-कॉमर्स विक्रेताओं ने 1.6 करोड़ नौकरियां सृजित की हैं।

First Published - August 22, 2024 | 9:22 PM IST

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