टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया की सब्सिडियरी कंपनी वोडाफोन आइडिया टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर सितंबर में शार्ट टर्म बॉन्ड के जरिये 5,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रही है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने मंगलवार को सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के तीसरे सबसे बड़े वायरलेस कैरियर की यह यूनिट दो और तीन साल की अवधि वाले बॉन्ड जारी करने की योजना बना रही है, जिससे क्रमशः 3,000 करोड़ रुपये और 2,000 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
सूत्रों ने बताया कि कंपनी से उम्मीद की जा रही है कि वह इस बॉन्ड इश्यू के लिए प्राइवेट क्रेडिट फंड्स का सहारा लेगी और दो साल और तीन साल की बॉन्ड पर क्रमशः लगभग 12% और 14% कूपन की पेशकश करेगी। एक सूत्र ने कहा, “ये फंड्स नए कैपेक्स (Capex) के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे क्योंकि कंपनी विस्तार करना चाहती है।”
वोडाफोन आइडिया ने इस मामले पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
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मई में, अरबपति कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाली वोडाफोन-आइडिया को शेयर या लोन के जरिए 20,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिए बोर्ड की मंजूरी मिली थी।
कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में एक अर्निंग कॉल में कहा कि वह सितंबर 2025 तक 17 प्रमुख सर्किल में अपने 5G सेवाओं का विस्तार और अधिक प्रमुख शहरों में करना चाहती है।
वोडाफोन आइडिया को बकाया स्पेक्ट्रम और राजस्व-साझेदारी का भुगतान करने में मुश्किलें आई हैं। इसकी वजह 2019 में सुप्रीम कोर्ट का एक फैसला है, जिसने भुगतान के लिए राजस्व की परिभाषा को बड़ा कर दिया। हानिकारक स्थिति में इस कंपनी का समर्थन करने के लिए सरकार ने अप्रैल में अपने स्पेक्ट्रम बकाया का एक हिस्सा इक्विटी में बदल दिया। इससे सरकार का कंपनी में हिस्सा 48.99 प्रतिशत हो गया।