आर्थिक संकट से जूझ रही टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने केंद्र सरकार के एक फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। यह फैसला कंपनी की उस मांग को खारिज करने से जुड़ा है जिसमें उसने सरकार से 5 अरब डॉलर से ज्यादा की बकाया रकम माफ करने की अपील की थी। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने यह जानकारी दी।
रविवार को रॉयटर्स द्वारा देखे गए पत्र के अनुसार, सरकार ने 29 अप्रैल को वोडाफोन आइडिया के सीईओ अक्षय मूंदड़ा (Akshaya Moondra) की इस मांग को खारिज कर दिया। कंपनी ने ब्याज और जुर्माने पर राहत मांगी थी, जो कुल 9.76 अरब डॉलर के करीब बकाया है। सरकार ने कहा कि भारत की तीसरी सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी के अस्तित्व पर खतरा है, लेकिन इसके बावजूद राहत नहीं दी जा सकती।
यूके की वोडाफोन ग्रुप पीएलसी और भारत के आदित्य बिड़ला ग्रुप की ज्वाइंट वेंचर टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की है। इस याचिका में कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि वह सरकार को “सार्वजनिक हित” में कदम उठाने का निर्देश दे, क्योंकि मामला “संवेदनशील टेलीकॉम सेक्टर” से जुड़ा है। याचिका की कॉपी सार्वजनिक नहीं की गई है।
वोडाफोन आइडिया और सरकार की ओर से रॉयटर्स को इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
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कंपनी 2019 में सुप्रीम कोर्ट के एक अहम फैसले के बाद से स्पेक्ट्रम और रेवेन्यू शेयरिंग से जुड़ी बकाया रकम चुकाने के लिए संघर्ष कर रही है। इस फैसले में AGR (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) की परिभाषा को व्यापक कर दिया गया था, जिससे टेलीकॉम कंपनियों पर देनदारियों का बोझ अरबों डॉलर तक बढ़ गया।
वोडाफोन आइडिया को राहत देने के लिए सरकार ने समय-समय पर उसकी कुछ बकाया राशि को इक्विटी में बदल दिया है और कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 49% कर दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में इस सप्ताह सुनवाई होने की संभावना है। अदालत पहले भी कई बार वोडाफोन आइडिया की उन अपीलों को खारिज कर चुकी है, जिनमें बकाया राशि की वसूली से जुड़े अपने पुराने फैसले में बदलाव की मांग की गई थी।
फिलहाल यह साफ नहीं है कि वोडाफोन आइडिया 9.76 अरब डॉलर की कुल देनदारी में से कितनी राहत चाहती है। हालांकि याचिका में कहा गया है कि इसमें से ब्याज और जुर्माने की राशि 5 अरब डॉलर से ज्यादा है।
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वोडाफोन आइडिया की बड़ी प्रतिद्वंद्वी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) पर भी बकाया है और उसने भी अदालत में इन्हें कई बार चुनौती दी, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिली। हालांकि, वोडाफोन आइडिया की फाइनेंशियल हेल्थ उससे भी ज्यादा कमजोर है।
कंपनी के सीईओ अक्षय मूंदड़ा ने 17 अप्रैल को लिखे एक पत्र में कहा, “अगर हमें सहारा नहीं मिला तो स्थिति इतनी बिगड़ जाएगी कि वापसी संभव नहीं होगी।” उन्होंने चेतावनी दी कि कंपनी वित्त वर्ष 2025-26 के बाद अपना ऑपरेशन जारी नहीं रख पाएगी। मूंदड़ा ने यह भी कहा कि अगर मौजूदा संकट का समाधान नहीं हुआ, तो इससे देश की छवि को नुकसान पहुंचेगा और वैश्विक निवेशकों का भरोसा डगमगा सकता है।