विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारत के शेयर बाजार में अपना भरोसा कायम रखते हुए मई महीने में अब तक ₹18,620 करोड़ का निवेश किया है। यह निवेश घरेलू आर्थिक मजबूती और अनुकूल वैश्विक परिस्थितियों की वजह से आया है।
यह लगातार दूसरा महीना है जब एफपीआई ने भारतीय बाजार में पैसा डाला है। इससे पहले अप्रैल में ₹4,223 करोड़ का निवेश हुआ था, जो तीन महीने की गिरावट के बाद पहली बार था।
जनवरी से मार्च के बीच एफपीआई का रुख नकारात्मक रहा था। जनवरी में ₹78,027 करोड़ की भारी निकासी हुई थी, फरवरी में ₹34,574 करोड़ और मार्च में ₹3,973 करोड़ की पूंजी बाहर निकाली गई थी।
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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी.के. विजयकुमार के अनुसार, एफपीआई की खरीदारी आगे भी जारी रह सकती है, जिससे बड़ी कंपनियों (लार्ज कैप्स) के शेयर मजबूत बने रहेंगे।
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने मई महीने में अब तक (16 मई तक) भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से ₹18,620 करोड़ का निवेश किया है। हालांकि, पूरे साल 2025 में अब तक कुल ₹93,731 करोड़ की निकासी हो चुकी है।
अप्रैल से जारी है निवेश की तेजी
भारत के शेयर बाजारों में अप्रैल महीने से ही एफपीआई की सक्रियता में बड़ा उछाल देखा गया है। यह निवेश प्रवाह मई में भी जारी है, जो विदेशी निवेशकों के बढ़ते भरोसे को दर्शाता है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट के एसोसिएट डायरेक्टर हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार, “भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम की घोषणा एक अहम वजह रही, जिसने क्षेत्रीय तनाव को कम किया और निवेशकों की भावना को मजबूती दी।”
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर में विराम से वैश्विक माहौल बेहतर
इसके साथ ही, अमेरिका और चीन के बीच 90 दिनों के लिए टैरिफ युद्ध में विराम लगने से वैश्विक जोखिम लेने की भावना में सुधार हुआ है। इस कारण कई विदेशी निवेशकों ने उभरते बाजारों की ओर रुख किया, जिसमें भारत प्रमुख रहा।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजयकुमार ने कहा, “वैश्विक व्यापार स्थिति के बेहतर होने, भारत-पाकिस्तान तनाव खत्म होने, भारत की मजबूत आर्थिक संभावनाओं, नरम मौद्रिक नीति और अच्छे कॉर्पोरेट नतीजों की उम्मीद ने एफपीआई की रुचि को बढ़ावा दिया है।”
वहीं, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि में सामान्य बॉन्ड श्रेणी से ₹6,748 करोड़ की निकासी की, जबकि वॉलंटरी रिटेंशन रूट (VRR) के तहत ₹1,193 करोड़ का निवेश किया।
सेबी का नया प्रस्ताव
पिछले सप्ताह सेबी ने एक परामर्श पत्र जारी कर उन एफपीआई को कुछ छूट देने का प्रस्ताव रखा है, जो सरकारी बॉन्ड में VRR और फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) के जरिये निवेश करते हैं। इसका उद्देश्य कमजोर होते बॉन्ड बाजार में नई जान फूंकना है।
BDO इंडिया के मनोज पुरोहित ने कहा, “यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब विदेशी निवेशक भारतीय बॉन्ड बाजार को लेकर सतर्कता बरत रहे हैं, खासकर वैश्विक बॉन्ड सूचकांकों में भारतीय सरकारी बॉन्ड के शामिल होने के बाद।”