facebookmetapixel
नया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदेंYear Ender: क्या 2026 में महंगाई की परिभाषा बदलेगी? नई CPI सीरीज, नए टारगेट व RBI की अगली रणनीतिGold–Silver Outlook 2026: सोना ₹1.60 लाख और चांदी ₹2.75 लाख तक जाएगीMotilal Oswal 2026 stock picks: नए साल में कमाई का मौका! मोतीलाल ओसवाल ने बताए 10 शेयर, 46% तक रिटर्न का मौकाYear Ender: 2025 में चुनौतियों के बीच चमका शेयर बाजार, निवेशकों की संपत्ति ₹30.20 लाख करोड़ बढ़ीYear Ender: 2025 में RBI ने अर्थव्यवस्था को दिया बूस्ट — चार बार रेट कट, बैंकों को राहत, ग्रोथ को सपोर्टPAN-Aadhaar लिंक करने की कल है आखिरी तारीख, चूकने पर भरना होगा जुर्माना2026 में मिड-सेगमेंट बनेगा हाउसिंग मार्केट की रीढ़, प्रीमियम सेगमेंट में स्थिरता के संकेतYear Ender 2025: IPO बाजार में सुपरहिट रहे ये 5 इश्यू, निवेशकों को मिला 75% तक लिस्टिंग गेन

IMF ने पाकिस्तान को किया आगाह, भारत से तनातनी बना सकती है आर्थिक संकट

आईएमएफ की सबसे अहम शर्त यह है कि पाकिस्तान को वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) का बजट संसद से पारित कराना होगा।

Last Updated- May 18, 2025 | 3:52 PM IST
IMF
Representative Image

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को अगली किस्त जारी करने से पहले चेतावनी दी है कि भारत के साथ बढ़ते तनाव देश के बेलआउट कार्यक्रम के वित्तीय, बाह्य और सुधार लक्ष्यों को खतरे में डाल सकते हैं।

आईएमएफ ने एक अरब डॉलर से अधिक के बेलआउट कार्यक्रम की पहली समीक्षा में कहा कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में तल्खी देखी जा रही है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अब तक पाकिस्तान के बाजारों पर इसका सीमित असर हुआ है, क्योंकि स्टॉक मार्केट ने अपनी हालिया बढ़त बरकरार रखी है और बॉन्ड के स्प्रेड्स में मामूली इजाफा देखा गया है।

आईएमएफ ने कहा, “अगर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव यूं ही बना रहा या और बढ़ा, तो यह कार्यक्रम के लक्ष्यों को जोखिम में डाल सकता है। इसके अलावा, फंड वितरण में किसी तरह के पक्षपात या दुरुपयोग की आशंका भी IMF की साख पर सवाल खड़े कर सकती है।”

रक्षा बजट में इजाफा भी चिंता का कारण

आईएमएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अगले वित्त वर्ष के लिए रक्षा बजट में 12% की बढ़ोतरी करते हुए इसे 2.414 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये तय किया है, जो पिछले साल की तुलना में 252 अरब रुपये अधिक है। हालांकि, सरकार का संकेत है कि हाल ही में भारत के साथ तनाव के चलते यह बजट 2.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक हो सकता है, जो 18% की वृद्धि दर्शाता है।

यह भी पढ़ें…Moody’s ने अमेरिका को ‘AAA’ क्रेडिट रेटिंग से किया बाहर: इसका क्या होगा असर, आसान भाषा में समझें

आईएमएफ ने पाकिस्तान पर लगाए 11 नए शर्तें, कुल शर्तों की संख्या हुई 50

IMF ने पाकिस्तान को अपने बेलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले 11 नई शर्तें लागू कर दी हैं। अब तक आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान पर लगाई गई कुल शर्तों की संख्या 50 हो गई है।

आईएमएफ की सबसे अहम शर्त यह है कि पाकिस्तान को वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) का बजट संसद से पारित कराना होगा। यह बजट करीब 17.6 ट्रिलियन पाकिस्तानी रुपये का होगा, जिसमें 1.07 ट्रिलियन रुपये विकास कार्यों के लिए रखे गए हैं। यह कार्य जून 2025 तक पूरा करना अनिवार्य होगा।

चारों प्रांतों को कृषि आयकर से संबंधित नए कानून लागू करने होंगे। इसके लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से टैक्सपेयर्स का रजिस्ट्रेशन, रिटर्न प्रोसेसिंग और अनुपालन की व्यवस्था करनी होगी। इसकी अंतिम तिथि भी जून 2025 रखी गई है।

आईएमएफ ने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह फंड की गवर्नेंस डायग्नोस्टिक असेसमेंट के आधार पर एक गवर्नेंस एक्शन प्लान (Governance Action Plan) प्रकाशित करे। इसका उद्देश्य सरकारी कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ाना है।

पाकिस्तान को साल 2027 के बाद के लिए एक दीर्घकालिक वित्तीय क्षेत्र रणनीति पेश करनी होगी, जिसमें संस्थागत और नियामकीय सुधारों की रूपरेखा शामिल होगी। यह रणनीति 2028 से लागू की जाएगी।

पाकिस्तान सरकार ने ऊर्जा क्षेत्र में लागत वसूली को सुनिश्चित करने और सर्कुलर डेब्ट (घूमता कर्ज) को कम करने के लिए चार अहम कदम उठाने का फैसला किया है। इन सुधारों की मांग अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने की है।

सरकार 1 जुलाई 2025 तक बिजली दरों की पुनः समीक्षा (रीबेसिंग) करेगी, जिससे वास्तविक लागत की भरपाई हो सके। इसके अलावा, 15 फरवरी 2026 तक गैस की कीमतों में अर्धवार्षिक समायोजन किया जाएगा ताकि सब्सिडी का बोझ कम हो और राजस्व में सुधार हो।

सरकार कैप्टिव पावर (औद्योगिक यूनिटों द्वारा निजी बिजली उत्पादन) पर लगाए गए टैक्स को स्थायी बनाने के लिए कानून लाएगी। साथ ही, PKR 3.21 प्रति यूनिट की सीमा जो अभी कर्ज चुकाने वाले सर्जचार्ज पर लगी है, उसे हटाया जाएगा। यह सीमा फिलहाल लागत की पूरी वसूली में बाधा बनी हुई है।

आईएमएफ ने यह भी निर्देश दिया है कि स्पेशल टेक्नोलॉजी ज़ोन और अन्य औद्योगिक पार्कों को दी जा रही कर रियायतों को चरणबद्ध तरीके से 2035 तक खत्म करने की योजना बनाई जाए। यह रोडमैप इस साल के अंत तक तैयार कर लिया जाना चाहिए।

वर्तमान में तीन साल पुरानी कारों तक के आयात की अनुमति है। आईएमएफ चाहता है कि सरकार जुलाई 2025 तक संसद में कानून लाकर इस सीमा को बढ़ाकर पांच साल किया जाए और आयात पर लगे संख्यात्मक प्रतिबंधों को हटाया जाए।

इन सभी कदमों का उद्देश्य राजकोषीय घाटे को कम करना, राजस्व बढ़ाना और आईएमएफ के साथ किए गए समझौतों को पूरा करना है।

यह भी पढ़ें…भारत-पाकिस्तान के बीच बनी शांति की सहमति जारी रहेगी : सेना

पाकिस्तान को IMF से मिला एक अरब डॉलर का कर्ज, भारत ने जताई आपत्ति

9 मई को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान को लगभग 1 अरब डॉलर की रकम तुरंत जारी करने की मंजूरी दी है। यह राशि 37 महीने की विस्तारित फंड सुविधा (Extended Fund Facility – EFF) के तहत दी जा रही है। IMF ने कहा कि यह योजना 25 सितंबर 2024 को शुरू हुई थी और इसका उद्देश्य पाकिस्तान की आर्थिक मजबूती बढ़ाना और सतत विकास को संभव बनाना है। इस योजना में प्रमुख ध्यान आर्थिक स्थिरता कायम रखने पर दिया गया है।

हालांकि, भारत ने IMF के इस फैसले का विरोध किया है। भारत का कहना है कि पाकिस्तान को मिलने वाली यह मदद आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल हो सकती है। भारत ने IMF की इस अहम बैठक में मतदान से भी दूरी बनाए रखी।

First Published - May 18, 2025 | 3:52 PM IST

संबंधित पोस्ट