वोडाफोन आइडिया (वी) ने कुछ हद तक अपना बकाया घटाने के प्रयास में नोकिया और एरिक्सन को 2,458 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी देने का निर्णय लिया है। वी ने गुरुवार को नियामक को दी जानकारी में कहा कि कंपनी के बोर्ड ने नोकिया को 10 रुपये की फेस वैल्यू के 102.7 करोड़ और एरिक्सन को 63.37 करोड़ शेयरों के तरजीही निर्गम को मंजूरी दी है। प्रत्येक शेयर के लिए 14.8 रुपये की निर्गम कीमत के हिसाब से नोकिया को 1,520 करोड़ रुपये, जबकि एरिक्सन को 938 करोड़ रुपये की इक्विटी हिस्सेदारी मिलेगी।
वी ने कहा, ‘इस तरजीही निर्गम के बाद, कंपनी में नोकिया और एरिक्सन की शेयरधारिता 1.5 प्रतिशत और 0.9 प्रतिशत हो जाएगी।’ प्रवर्तकों आदित्य बिड़ला ग्रुप और वोडाफोन पीएलसी की संयुक्त हिस्सेदारी अब 37.3 प्रतिशत होगी, जबकि केंद्र का हिस्सा 23.2 प्रतिशत होगा। शेष 37.1 प्रतिशत हिस्सेदारी सार्वजनिक शेयरधारिता होगी।
वी के शेयरधारकों को अब इस प्रस्ताव पर मुहर लगानी होगी और हिस्सेदारी स्थानांतरण पर विचार करने के लिए कंपनी ने 10 जुलाई को ईजीएम बुलाई है। मुख्य कार्याधिकारी अक्षय मूंदड़ा ने कहा, ‘वोडाफोन आइडिया अपने 4जी कवरेज का विस्तार करने और ग्राहकों को 5जी का अनुभव प्रदान करने के लिए सही निवेश के साथ उद्योग के विकास में भागीदार बनने को पूरी तरह तैयार है।
कंपनी अपनी क्रियान्वयन क्षमताओं पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। चूंकि वी अपनी विकास यात्रा पर आगे बढ़ रही है, इसलिए प्रमुख हितधारकों से समर्थन जरूरी है और नोकिया तथा एरिक्सन के साथ समझौता इन विक्रेताओं को कंपनी के दीर्घावधि साझेदार के रूप में पुष्टि करता है और हमारे विकास के अगले चरण के लिए मंच तैयार करता है।’
4जी की तेज पेशकश
दूरसंचार कंपनी ने संकेत दिया कि लंबित भुगतान के संबंध में विक्रेताओं की आशंकाएं दूर करने के अलावा, इस कदम से दो वैश्विक दूरसंचार उपकरण दिग्गजों से समर्थन भी मिल सकता है, जिससे वी को अपने 4जी कवरेज को तेजी से बढ़ाने में मदद मिलेगी। 4जी का विस्तार दूरसंचार कंपनी का मुख्य लक्ष्य है। इस विस्तार में सब-गीगाहर्ट्ज सेगमेंट में ज्यादा टावर लगाना, क्षमता वृद्धि और 5जी पेशकश शामिल है।
वी इस तरजीही निर्गम को कंपनी की पूंजीगत खर्च योजना को मजबूती प्रदान करने वाले कदम के तौर पर देख रही है। कंपनी के अधिकारियों ने हाल में कहा कि डेट फंडिंग का इस्तेमाल मुख्य रूप से पूंजीगत व्यय के लिए किया जाएगा, जो अगले 3 वर्षों में 50,000-55,000 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है।
दूरसंचार कंपनी को वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 7,674.6 करोड़ रुपये का शुद्ध नुकसान हुआ, जो वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के 6,418.9 करोड़ रुपये के नुकसान की तुलना में 19.5 प्रतिशत ज्यादा है। कंपनी को ऊंचे खर्च और राजस्व पर दबाव की वजह से बढ़ते नुकसान का सामना करना पड़ा है। चौथी तिमाही में उसकी ऋण लागत बढ़कर 6,280.3 करोड़ रुपये पर पहुंच गई, जो पूर्ववर्ती वर्ष की समान तिमाही में 6,284 करोड़ रुपये थी। पूरे वित्त वर्ष 2024 के लिए शुद्ध नुकसान बढ़कर 31,238 करोड़ रुपये रहा।